उमर खालिद पर दिल्ली दंगों के आरोप: वकील ने उठाए सवाल

उमर खालिद के वकील ने दिल्ली दंगों के मामले में अदालत में कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि खालिद को जानबूझकर निशाना बनाया गया है। वकील ने यह भी पूछा कि अगर खालिद को व्हाट्सएप समूहों के कारण आरोपी बनाया गया है, तो अन्य सदस्यों पर आरोप क्यों नहीं लगाया गया। इस मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी। जानें पूरी कहानी में और क्या हुआ।
 | 
उमर खालिद पर दिल्ली दंगों के आरोप: वकील ने उठाए सवाल

उमर खालिद का मामला

उमर खालिद पर दिल्ली दंगों के आरोप: वकील ने उठाए सवाल

उमर खालिद

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्र उमर खालिद के वकील ने गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत में यह आरोप लगाया कि 2020 में हुए दिल्ली दंगों के मामले में पुलिस ने खालिद को जानबूझकर निशाना बनाया है। वकील ने कहा कि पुलिस की चार्जशीट में कई व्हाट्सएप समूहों का उल्लेख किया गया है। उन्होंने यह सवाल उठाया कि यदि खालिद को इन समूहों का सदस्य होने के कारण आरोपी बनाया गया है, तो अन्य सदस्यों या समूह के एडमिन पर आरोप क्यों नहीं लगाया गया।

यह दलीलें उमर खालिद के वकील त्रिदीप पेस ने दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी के समक्ष पेश कीं, जो इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं।

खालिद पर आरोपों की बुनियाद

बचाव पक्ष ने यह भी कहा कि चार्जशीट में एक और दावा किया गया है कि खालिद 8 दिसंबर 2019 को जंगपुरा में एक 'साजिश वाली बैठक' में शामिल हुए थे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पेस ने अदालत को बताया कि उस बैठक में कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ योगेन्द्र यादव और मानवाधिकार कार्यकर्ता नदीम खान भी मौजूद थे। उन्होंने अदालत से पूछा कि उन लोगों और खालिद में क्या अंतर है, जिसके कारण खालिद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, जबकि अन्य के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

विरोध प्रदर्शन और आतंकवाद का संबंध

वकील पेस ने अदालत में कहा कि कुछ गवाहों ने पुलिस को बताया था कि उन्होंने खालिद को यह कहते हुए सुना था कि देशभर के सभी छात्र, विशेषकर मुस्लिम छात्र, पूरे भारत में प्रदर्शन करेंगे। इस पर पेस ने सवाल उठाया कि विरोध प्रदर्शन को आतंकवाद से कैसे जोड़ा जा सकता है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 अक्टूबर की तारीख तय की है।

गौरतलब है कि खालिद पिछले पांच साल से अधिक समय से जेल में हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने 2020 में दिल्ली में हुए दंगों में मास्टरमाइंड की भूमिका निभाई, जिसमें 700 से अधिक लोग घायल हुए और 53 लोगों की जान गई। खालिद के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद सितंबर 2020 में उन्हें गिरफ्तार किया गया। हाल ही में उन्होंने अपनी जमानत के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।