उमर अहमद इलियासी का बकरीद पर महत्वपूर्ण संदेश

ईद अल अदहा 2025 के अवसर पर, डॉ. उमर अहमद इलियासी ने मुसलमानों को महत्वपूर्ण संदेश दिया है। उन्होंने कुर्बानी के नियमों और हिंदू भाइयों की आस्था का सम्मान करने की आवश्यकता पर जोर दिया। जानें उनके विचार और इस पर्व को मनाने के सही तरीके के बारे में।
 | 
उमर अहमद इलियासी का बकरीद पर महत्वपूर्ण संदेश

ईद अल अदहा 2025 का संदेश

उमर अहमद इलियासी का बकरीद पर संदेश: देशभर में 7 जून को ईद अल अदहा, जिसे बकरीद भी कहा जाता है, का पर्व मनाया जाएगा। इस अवसर पर ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख डॉ. उमर अहमद इलियासी ने मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है।


उन्होंने कहा कि मुसलमानों को इस बकरीद पर केवल उन्हीं जानवरों की कुर्बानी करनी चाहिए, जो कि प्रतिबंधित नहीं हैं।


डॉ. इलियासी ने ईद उल अजहा के संदर्भ में कहा, "यह केवल बकरों की ईद नहीं है। इसे ईद उल अज़हा कहा जाता है, जो समर्पण, आज्ञाकारिता, बलिदान और त्याग का प्रतीक है। भारत एक सेक्युलर देश है, जहां विभिन्न धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं। हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए।"


‘त्योहार को नियमों के अनुसार मनाएं’
उन्होंने आगे कहा, "भारत की विशेषता है कि यहां अनेकता में एकता है। मैं मुसलमानों से अनुरोध करता हूं कि वे केवल उन्हीं जानवरों की कुर्बानी करें, जिनकी इजाज़त दी गई है। प्रशासन द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना आवश्यक है। कुर्बानी केवल निर्धारित स्थानों पर ही की जानी चाहिए।"


‘हिंदू भाइयों की आस्था का सम्मान करें’
उमर अहमद इलियासी ने यह भी कहा, "कुर्बानी हर जगह नहीं होनी चाहिए, ताकि खून न बहे और गंदगी न फैले। इस बात का ध्यान रखना जरूरी है। यदि आपके पड़ोस में हिंदू भाई अधिक हैं, तो आपको उनकी आस्था का भी सम्मान करना चाहिए।"


‘कुर्बानी का वीडियो न बनाएं’
उन्होंने अंत में कहा, "मैं सभी मुसलमानों से अपील करता हूं कि जानवर की कुर्बानी के समय उसकी फोटो या वीडियो न बनाएं। कुर्बानी दिखावे का नाम नहीं है। यदि वीडियो वायरल होता है, तो इससे किसी का दिल दुख सकता है, और यदि दिल दुखता है, तो कुर्बानी स्वीकार नहीं होगी। कुर्बानी केवल अल्लाह के लिए है।"