उमर अब्दुल्ला ने शिक्षकों की बर्खास्तगी पर उठाए सवाल

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में दो सरकारी स्कूल शिक्षकों की बर्खास्तगी पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने उचित प्रक्रिया का पालन करने और आरोपियों को अदालत में अपनी सफाई देने का अवसर देने की आवश्यकता पर जोर दिया। अब्दुल्ला ने कहा कि केवल संदेह के आधार पर की गई कार्रवाई सभी के लिए हानिकारक हो सकती है। इसके अलावा, उन्होंने राज्यसभा के लिए नामित उम्मीदवारों पर विश्वास व्यक्त किया है।
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उमर अब्दुल्ला ने शिक्षकों की बर्खास्तगी पर उठाए सवाल

मुख्यमंत्री की चिंता

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में दो सरकारी स्कूल शिक्षकों की बर्खास्तगी पर चिंता व्यक्त की है, जिन पर कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। उन्होंने इस मामले में उचित प्रक्रिया का पालन करने और आरोपियों को अदालत में अपनी बात रखने का अवसर देने की आवश्यकता पर जोर दिया। अब्दुल्ला ने कहा, "मैंने हमेशा कहा है कि बर्खास्तगी का निर्णय अदालतों के माध्यम से होना चाहिए। सभी को अपनी सफाई पेश करने का मौका मिलना चाहिए।"


बर्खास्तगी की प्रक्रिया

उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि बर्खास्तगी की प्रक्रिया कर्मचारियों को अपनी सफाई देने का अवसर नहीं देती है। उन्होंने सुझाव दिया कि केवल संदेह के आधार पर की गई कार्रवाई सभी के लिए हानिकारक हो सकती है। उन्होंने कहा, "दोष केवल अदालत में साबित किया जा सकता है, अन्यथा नहीं।"


सरकार का आदेश

जम्मू-कश्मीर सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने एक आदेश जारी किया, जिसमें उपराज्यपाल ने कहा कि राज्य की सुरक्षा के हित में कुछ मामलों की जांच करना उचित नहीं है। आदेश में उल्लेख किया गया है कि शिक्षक माजिद इकबाल डार को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया गया है।


राज्यसभा के उम्मीदवार

उमर अब्दुल्ला ने नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा राज्यसभा के लिए नामित तीन उम्मीदवारों पर विश्वास व्यक्त किया है, यह कहते हुए कि वे जम्मू-कश्मीर के लोगों का सही प्रतिनिधित्व करेंगे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "हमने जम्मू-कश्मीर के लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए बेहतरीन उम्मीदवारों को चुना है।" इसके अलावा, उन्होंने हंदवाड़ा के चिनार पार्क का दौरा किया और विकास की समीक्षा की।