उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस के 'वोट चोरी' अभियान से इंडिया गठबंधन को किया अलग

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस के 'वोट चोरी' अभियान को इंडिया गठबंधन से अलग करते हुए कहा कि इसका गठबंधन से कोई संबंध नहीं है। भाजपा नेता शशांक मणि ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की, जिसमें उन्होंने कहा कि यह अभियान मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए है। कांग्रेस ने दिल्ली में 'वोट चोर गद्दी छोड़' रैली का आयोजन किया, जिसमें राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के खिलाफ कार्रवाई का संकल्प लिया। जानें इस राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में और क्या कहा गया।
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उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस के 'वोट चोरी' अभियान से इंडिया गठबंधन को किया अलग

इंडिया गठबंधन का कांग्रेस के मुद्दों से कोई संबंध नहीं

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कांग्रेस पार्टी द्वारा चलाए जा रहे 'वोट चोरी' अभियान से इंडिया गठबंधन को अलग करते हुए स्पष्ट किया कि इस विषय का गठबंधन से कोई लेना-देना नहीं है। श्रीनगर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हर राजनीतिक दल को अपने एजेंडे को निर्धारित करने की स्वतंत्रता है। कांग्रेस ने 'वोट चोरी' को अपने मुख्य राजनीतिक मुद्दे के रूप में अपनाया है, लेकिन हम अपने मुद्दों का चयन स्वयं करेंगे।


भाजपा नेता का बयान

भाजपा के नेता शशांक मणि ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को समझना चाहिए कि 'वोट चोरी' अभियान किसी को निशाना बनाने के लिए नहीं है, बल्कि यह मतदाता सूची को अपडेट करने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि उमर जी को यह एहसास है कि एसआईआर का उद्देश्य किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं है, बल्कि सही मतदाता सूची को प्रस्तुत करना है। यह केवल चुनावी सुधारों का मामला है।


कांग्रेस का 'वोट चोर गद्दी छोड़' रैली

रविवार को कांग्रेस ने दिल्ली के रामलीला मैदान में 'वोट चोर गद्दी छोड़' रैली का आयोजन किया, जिससे पार्टी का अभियान और तेज हो गया। कांग्रेस ने मतदाता सूचियों के विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) को लेकर अपने अभियान को और तीव्र किया। राहुल गांधी ने अपने भाषण में 'मुख्य चुनाव आयुक्त एवं अन्य चुनाव आयुक्त विधेयक, 2023' में बदलाव करने का संकल्प लिया और कांग्रेस के सत्ता में लौटने पर चुनाव आयुक्तों के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया।


कांग्रेस नेता का आरोप

कांग्रेस नेता ने कहा कि इन नामों को याद रखें: सुखबीर संधू, ज्ञानेश कुमार, विवेक जोशी। उनका आरोप है कि चुनाव आयोग भाजपा के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने इनके लिए कानून में बदलाव किया है, जिससे चुनाव आयुक्तों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। उन्होंने यह भी कहा कि वे इस कानून को बदलेंगे और सच्चाई के लिए लड़ेंगे।