उमर अब्दुल्ला की नई राजनीतिक दिशा: बीजेपी के खिलाफ बदलते तेवर
उमर अब्दुल्ला का राजनीतिक परिदृश्य
जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला की सरकार के आने के बाद से उनके रुख में केंद्र की बीजेपी के प्रति बदलाव देखा गया है। पहले जो मुद्दे सत्ता में आने से पहले उनके लिए महत्वपूर्ण थे, अब वे उनके लिए बैकफुट पर आ गए हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस और इंडिया गठबंधन के मुद्दों पर अब्दुल्ला का नजरिया बदल गया है।
हालांकि, इन मुद्दों को दरकिनार करते हुए, उन्होंने जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए केंद्र की मदद से उठाए गए कदमों की सराहना की है। यह जानकर आश्चर्य होगा कि कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर पत्रकार उनसे सवाल पूछते हैं, लेकिन अब्दुल्ला उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं।
हाल ही में, उन्होंने अपने पिता से भी असहमति जताई, यह कहते हुए कि घर पर भी कई बार स्थिति असहज हो जाती है।
उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी और ईवीएम के मुद्दों पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि वह इस बात से असहमत हैं कि ईवीएम को कैसे हैक किया जा सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह इस थ्योरी पर विश्वास नहीं करते।
इसके अलावा, उन्होंने इंडिया ब्लॉक के बारे में अपनी चिंताओं को भी व्यक्त किया। उनका मानना है कि क्षेत्रीय दलों को कांग्रेस के साथ मिलकर काम करना होगा, क्योंकि कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जिसका पूरे देश में प्रभाव है।
उमर ने बीजेपी की चुनावी रणनीति की तारीफ की और कहा कि उनके नेता हर चुनाव में पूरी ताकत से लड़ते हैं।
