उमर अब्दुल्ला का बयान: कश्मीरियों को संदेह की नजर से देखना गलत
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की चिंता
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में दिल्ली में हुए विस्फोट पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि एक ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जिसमें सभी कश्मीरियों को संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि कुछ व्यक्तियों की संलिप्तता के कारण पूरे कश्मीर की आबादी को दोषी ठहराया जा रहा है।
10 नवंबर को दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट में 13 लोगों की जान गई थी और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस घटना के मुख्य संदिग्ध के रूप में पुलवामा के निवासी डॉ. उमर उन नबी की पहचान की गई है। इसके अलावा, कई अन्य लोगों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है, जिससे स्थानीय लोगों में भय का माहौल है।
डॉ. उमर की भूमिका
डॉ. उमर चला रहा था कार
डॉ. उमर उन नबी 10 नवंबर को विस्फोट करने वाली कार का चालक था, जबकि उसके साथी डॉ. मुजम्मिल शकील गनई और डॉ. आदिल अहमद राथर भी इस आतंकी मॉड्यूल में शामिल थे।
कश्मीरियों पर संदेह
‘कश्मीर के लोगों को संदेह की नजर से देखा जा रहा’
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कुछ लोगों की संलिप्तता के कारण पूरे कश्मीर के लोगों को संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर के लोग बाहर यात्रा करने से डरते हैं क्योंकि उन्हें कुछ लोगों के हिंसक कार्यों के कारण संदिग्ध माना जाता है।
माता-पिता की चिंताएं
‘माता-पिता बच्चों को बाहर भेजना पसंद नहीं करेंगे’
उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में माता-पिता अपने बच्चों को बाहर भेजने में हिचकिचाते हैं। जब उन्हें हर जगह संदिग्ध नजरों से देखा जाता है, तो यह स्थिति और भी कठिन हो जाती है।
जिम्मेदारी का मुद्दा
‘जो कुछ हुआ उसके लिए कुछ लोग जिम्मेदार हैं’
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में हुई घटना के लिए कुछ लोग जिम्मेदार हैं, लेकिन यह धारणा बनाई जा रही है कि सभी कश्मीरियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
दिल्ली में कश्मीर रजिस्ट्रेशन वाली गाड़ी
‘दिल्ली में जम्मू-कश्मीर रजिस्ट्रेशन वाली गाड़ी चलाना भी अपराध’
उन्होंने कहा कि आजकल दिल्ली में जम्मू-कश्मीर रजिस्ट्रेशन वाली गाड़ी चलाना भी एक अपराध माना जा रहा है। जब उनके साथ सुरक्षा कर्मी नहीं होते, तो उन्हें अपनी गाड़ी निकालने में संकोच होता है।
जांच की प्रक्रिया
10 नवंबर के विस्फोट की जांच विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों द्वारा की जा रही है, जिसमें दिल्ली पुलिस की विशेष टीम, एनआईए और क्राइम ब्रांच शामिल हैं। अब्दुल्ला ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि हर कश्मीरी मुसलमान आतंकवादी नहीं है और निर्दोष लोगों को इसमें नहीं घसीटा जाना चाहिए।
