उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने काशी में नए धर्मशाला का उद्घाटन किया
धर्म की विजय का प्रतीक
उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने कहा कि धर्म को कभी-कभी संकट का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन यह कभी स्थायी नहीं होता। उन्होंने आज काशी में एक नए धर्मशाला भवन के उद्घाटन के दौरान कहा कि यह इमारत धर्म की विजय का प्रतीक है।
धर्मशाला का उद्घाटन
शुक्रवार को, उपराष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मिलकर श्री काशी नाटकोट्टाई संस्था द्वारा निर्मित 60 करोड़ रुपये की लागत से बने इस आधुनिक धर्मशाला का उद्घाटन किया। राधाकृष्णन ने कहा कि 25 साल पहले की काशी और आज की काशी में बहुत बड़ा बदलाव आया है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों का परिणाम है।
सांस्कृतिक बंधन को मजबूत करना
उपराष्ट्रपति ने बताया कि यह धर्मशाला केवल एक इमारत नहीं है, बल्कि यह उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करेगी। उन्होंने कहा कि काशी में तमिल पंडित और भक्त ज्ञान की खोज में आते रहे हैं।
धर्मशाला की विशेषताएँ
राधाकृष्णन ने बताया कि इस धर्मशाला में 76 सोलर लैंप्स लगाए गए हैं, जो ग्रीन एनर्जी का प्रतीक हैं और इससे सालाना 25 लाख रुपये की बचत होगी। उन्होंने कहा कि यह पहल काशी और तमिलनाडु के बीच आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संबंधों को दर्शाती है।
भक्तों की सेवा का उद्देश्य
उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस धर्मशाला का मुख्य उद्देश्य आने वाले भक्तों की सेवा करना और युवा पीढ़ी को इस पवित्र शहर में आने के लिए प्रेरित करना है।
