उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से राजनीतिक हलचल तेज

उपराष्ट्रपति का इस्तीफा और राजनीतिक प्रक्रिया
सोमवार शाम को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे उनके उत्तराधिकारी के चुनाव की एक महत्वपूर्ण राजनीतिक प्रक्रिया शुरू हो गई है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) द्वारा जल्द ही नए उम्मीदवार की घोषणा की उम्मीद है। 74 वर्षीय धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए तीन साल के कार्यकाल के बाद यह निर्णय लिया। उनका इस्तीफा संसद के मानसून सत्र के पहले दिन आया, जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी।
उम्मीदवारों की चर्चा
इस पद के लिए कई नामों पर चर्चा हो रही है, जिसमें पीएस श्रीधरन पिल्लई का नाम प्रमुखता से उभर रहा है। हाल ही में गोवा के राज्यपाल के रूप में विदाई लेने वाले पिल्लई ने भारतीय जनता पार्टी की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी।
पिल्लई का राजनीतिक सफर
पिल्लई ने भाजपा में विभिन्न पदों पर कार्य किया है, जिसमें कोझिकोड ज़िला अध्यक्ष और राज्य सचिव शामिल हैं। 2003 से 2006 तक वे केरल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे और 2004 में लक्षद्वीप के भाजपा प्रभारी भी रहे। उनके नेतृत्व में एनडीए ने 2004 में केरल और लक्षद्वीप से दो सांसद सीटें जीतीं। 2018 में, उन्हें मिज़ोरम का राज्यपाल नियुक्त किया गया और 2021 में गोवा का राज्यपाल बनाया गया। केरल से होने के कारण, भाजपा अगले साल होने वाले चुनावों को देखते हुए पिल्लई को एक संभावित उम्मीदवार के रूप में देख सकती है।