उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस पर टिप्पणी करने से परहेज किया, जबकि अन्य सांसदों ने स्वास्थ्य कारणों और सरकार की पारदर्शिता पर सवाल उठाए। शिवसेना, राजद और अन्य दलों के नेताओं ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंताएँ व्यक्त की हैं। क्या यह इस्तीफा केवल स्वास्थ्य कारणों से है, या इसके पीछे कुछ और है? जानें पूरी कहानी में।
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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे की टिप्पणी

राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर टिप्पणी करने से बचते हुए कहा कि इस मामले का कारण केवल सरकार या खुद धनखड़ ही जानते हैं। मीडिया से बातचीत में खड़गे ने कहा कि इस विषय पर कुछ भी कहने की आवश्यकता नहीं है। इस्तीफे की स्वीकृति या अस्वीकृति सरकार के हाथ में है।


अन्य सांसदों की प्रतिक्रियाएँ

शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि उपराष्ट्रपति की तबीयत इतनी गंभीर नहीं है कि उन्हें इस्तीफा देना पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि सत्ताधारी पार्टी की चुप्पी संदिग्ध है। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि यह अचानक नहीं हो सकता, क्योंकि कल वह सदन की अध्यक्षता कर रहे थे। हम उनके स्वास्थ्य की कामना करते हैं।


राजद सांसद मनोज झा ने सरकार के निर्णयों में पारदर्शिता की कमी पर चिंता जताई। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने धनखड़ के इस्तीफे को चौंकाने वाला बताया और उनके स्वास्थ्य की कामना की। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि धनखड़ एक गंभीर और अनुशासित व्यक्ति हैं, और उनका योगदान अतुलनीय रहा है।


कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि यह इस्तीफा सभी के लिए आश्चर्यजनक है और इसे सोवियत शैली के इस्तीफों से जोड़ा। शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने इसे दुखद बताया और धनखड़ के स्वास्थ्य की कामना की।