उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: स्वास्थ्य कारणों या कुछ और?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने यह कदम उठाया, लेकिन कांग्रेस ने इसके पीछे गहरे कारणों का दावा किया है। जानें इस इस्तीफे के पीछे की सच्चाई और विपक्ष की प्रतिक्रिया।
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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: स्वास्थ्य कारणों या कुछ और?

धनखड़ का अचानक इस्तीफा

स्वास्थ्य संबंधी कारणों से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। उनकी इस घोषणा ने विपक्ष को चौंका दिया है और अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है। धनखड़ ने इस्तीफे से कुछ घंटे पहले कई वरिष्ठ नेताओं से बातचीत की थी, लेकिन उन्होंने किसी भी स्वास्थ्य समस्या या इस्तीफे की योजना का संकेत नहीं दिया।


वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया कि इस्तीफे की खबर आने से दो घंटे पहले उन्होंने धनखड़ से फोन पर बात की थी। रमेश ने कहा कि धनखड़ अपने परिवार के साथ थे और उन्हें तत्काल कोई चिंता नहीं थी, साथ ही अगले दिन बातचीत जारी रखने की योजना थी.


कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस ने यह दावा किया है कि धनखड़ के इस्तीफे के पीछे स्वास्थ्य कारणों के अलावा और भी गहरे कारण हो सकते हैं। पार्टी ने कहा कि उनका इस्तीफा कई सवाल खड़े करता है, विशेषकर उन लोगों की नीयत पर जिन्होंने उन्हें उपराष्ट्रपति बनाया।


कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि धनखड़ ने सोमवार को अपराह्न साढ़े 12 बजे राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की अध्यक्षता की थी।


गंभीर घटनाक्रम

कांग्रेस ने यह भी कहा कि सोमवार को अपराह्न एक बजे से शाम साढ़े चार बजे के बीच कुछ गंभीर घटनाएं हुईं, जिसके कारण केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा और किरेन रीजीजू बैठक में नहीं पहुंचे। रमेश ने बताया कि धनखड़ नियमों और मर्यादाओं के प्रति सजग थे और उन्हें लगता था कि उनके कार्यकाल में इनका उल्लंघन हो रहा था.


धनखड़ ने सोमवार रात स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया। रमेश ने सोशल मीडिया पर लिखा कि धनखड़ ने कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में सभी सदस्यों की उपस्थिति की उम्मीद की थी, लेकिन नड्डा और रीजीजू अनुपस्थित रहे।


धनखड़ का इस्तीफा और विपक्ष की प्रतिक्रिया

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि धनखड़ को व्यक्तिगत रूप से सूचित नहीं किया गया था कि दोनों मंत्री बैठक में शामिल नहीं हो रहे थे, जिससे उन्हें बुरा लगा। उन्होंने बैठक को मंगलवार दोपहर एक बजे के लिए पुनर्निर्धारित किया।


रमेश ने कहा कि धनखड़ का इस्तीफा उनके बारे में बहुत कुछ कहता है और यह उन लोगों की नीयत पर भी सवाल उठाता है जिन्होंने उन्हें उपराष्ट्रपति बनाया।