उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया और महत्वपूर्ण तिथियाँ

उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसमें महत्वपूर्ण तिथियाँ और पात्रता मानदंड शामिल हैं। चुनाव आयोग ने 9 सितंबर को चुनाव की अधिसूचना जारी की है, और नामांकन की अंतिम तिथि 21 अगस्त है। जानें कि कौन व्यक्ति उपराष्ट्रपति पद के लिए योग्य है और सत्तारूढ़ गठबंधन को कितना समर्थन प्राप्त है। इस चुनाव में गुप्त मतदान और प्राथमिकता प्रणाली का उपयोग किया जाएगा।
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उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया और महत्वपूर्ण तिथियाँ

उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया

उपराष्ट्रपति का चुनाव संविधान के अनुच्छेद 66(1) के तहत आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के आधार पर किया जाएगा। इसमें एकल संक्रमणीय मत प्रणाली का उपयोग किया जाएगा और मतदान गुप्त रूप से होगा। चुनाव आयोग ने 7 अगस्त को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अधिसूचना जारी की, जिससे नामांकन प्रक्रिया आरंभ हो गई।


महत्वपूर्ण तिथियाँ

निर्वाचन आयोग ने उपराष्ट्रपति पद के लिए 9 सितंबर को चुनाव की अधिसूचना जारी की है। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है, जबकि दस्तावेजों की जांच 22 अगस्त को की जाएगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 25 अगस्त है। यह पद 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से अचानक इस्तीफे के बाद रिक्त हुआ था। उनका कार्यकाल अगस्त 2027 में समाप्त होना था।


उपराष्ट्रपति के लिए पात्रता

उपराष्ट्रपति पद के लिए केवल वही व्यक्ति निर्वाचित हो सकता है जो भारतीय नागरिक हो, 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो और राज्यसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित होने की योग्यता रखता हो। भारत सरकार, राज्य सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकरण में लाभ के पद पर आसीन व्यक्ति उपराष्ट्रपति पद के लिए योग्य नहीं होता। वर्तमान में, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को उपराष्ट्रपति चुनाव में स्पष्ट बढ़त प्राप्त है।


मतदाता और समर्थन

उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों द्वारा किया जाएगा, जिसमें उच्च सदन के मनोनीत सदस्य भी मतदान में भाग लेंगे। लोकसभा में 543 सदस्यों में से पश्चिम बंगाल के बशीरहाट संसदीय क्षेत्र की एक सीट रिक्त है, जबकि राज्यसभा में पांच सीटें खाली हैं। राज्यसभा की चार सीटें जम्मू कश्मीर से और एक पंजाब से हैं।


राजग का समर्थन

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राजग को लोकसभा में 542 सदस्यों में से 293 का समर्थन प्राप्त है। राज्यसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन को 129 सदस्यों का समर्थन है, बशर्ते मनोनीत सदस्य राजग के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करें। कुल मिलाकर, सत्तारूढ़ गठबंधन को 422 सांसदों का समर्थन प्राप्त है।


मतदाता प्राथमिकता प्रणाली

संविधान के अनुच्छेद 66(1) के अनुसार उपराष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होगा। इस प्रणाली में मतदाता को उम्मीदवारों के नामों के सामने अपनी प्राथमिकताएँ अंकित करनी होती हैं। उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है और इसका कार्यकाल पांच वर्ष का होता है। कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी, वह तब तक पद पर बना रह सकता है जब तक उसका उत्तराधिकारी पद ग्रहण नहीं कर ले।