उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का VIP संस्कृति पर कड़ा बयान

VIP दर्शन व्यवस्था पर आपत्ति
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को मंदिरों में VIP दर्शन की प्रथा की आलोचना की। उन्होंने इसे देवत्व के खिलाफ बताते हुए कहा कि इसे समाप्त किया जाना चाहिए। धनखड़ ने कहा, “VIP संस्कृति समानता के सिद्धांतों के विपरीत है और धार्मिक स्थलों पर इसका कोई स्थान नहीं होना चाहिए।” यह बयान उन्होंने श्री मंजूनाथ मंदिर में देश के सबसे बड़े प्रतीक्षा परिसर ‘श्री सानिध्य’ के उद्घाटन के अवसर पर दिया।
राजनीतिक माहौल पर चिंता
धनखड़ ने वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आजकल लोग संवाद के बजाय लोकतांत्रिक मूल्यों को बाधित कर रहे हैं, जिसे उन्होंने “जलवायु परिवर्तन से भी अधिक खतरनाक” करार दिया। उन्होंने भारतीय लोकतंत्र को कमजोर करने वाली ताकतों के खिलाफ जनता से एकजुट होने की अपील की।
विकास और एकता की आवश्यकता
उप राष्ट्रपति ने कहा कि भारत कई मोर्चों पर विकास कर रहा है, और ऐसे में हमें विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ एकजुट होकर काम करना चाहिए। उन्होंने समाज से आग्रह किया कि भौतिकवाद से ऊपर उठकर सामाजिक सद्भाव, पर्यावरण संरक्षण और नागरिक अधिकारों को मजबूत करने पर ध्यान दें।
कॉर्पोरेट जगत से CSR फंड के उपयोग की अपील
धनखड़ ने भारत के कॉरपोरेट जगत से अनुरोध किया कि वे अपने CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड का उपयोग शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में करें। उन्होंने इसे समाज के कल्याण और समावेशी विकास के लिए आवश्यक बताया।
‘पंच प्रण’ के सिद्धांत
उप राष्ट्रपति ने आधुनिक भारत के लिए पांच सिद्धांतों का प्रस्ताव रखा, जिन्हें उन्होंने ‘पंच प्रण’ कहा। ये सिद्धांत हैं: सामाजिक सद्भाव, पारिवारिक स्थिरता, पर्यावरण संरक्षण, मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों का संतुलन, और देश के प्रति निस्वार्थ सेवा। उन्होंने कहा कि देश के विकास को प्राथमिकता बनाना चाहिए।
श्रद्धालुओं के लिए नया प्रतीक्षा परिसर
धनखड़ ने ‘श्री सानिध्य’ नामक प्रतीक्षा परिसर का उद्घाटन किया, जो 2.75 लाख वर्ग फुट में फैला है। इसमें 16 हॉल हैं, जिनमें एक समय में 10,000 से 12,000 भक्तों के बैठने की क्षमता है। उप राष्ट्रपति ने मंदिर ट्रस्ट की इस पहल की सराहना की, जो श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
ज्ञान दीप परियोजना का शुभारंभ
अपने दौरे के दौरान, धनखड़ ने ग्रामीण छात्रों के लिए ‘ज्ञान दीप परियोजना’ नामक छात्रवृत्ति कार्यक्रम की शुरुआत की। यह श्री क्षेत्र धर्मस्थल ग्रामीण विकास परियोजना (SKDRDP) का हिस्सा है। उन्होंने इसे समाज के वंचित वर्गों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।