उद्धव ठाकरे ने कृषि ऋण माफी की समयसीमा पर उठाए सवाल
कृषि ऋण माफी पर उद्धव ठाकरे की चिंता
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कृषि ऋण माफी के लिए राज्य सरकार द्वारा निर्धारित 30 जून, 2026 की समयसीमा को 'स्वीकार्य नहीं' बताया है। बुधवार को उन्होंने किसानों से बातचीत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यदि सरकार ऋण माफी की योजना बना रही है, तो क्या किसानों को अपनी किश्तें चुकाने की आवश्यकता होगी।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता ने अपने चार दिवसीय मराठवाड़ा दौरे की शुरुआत छत्रपति संभाजीनगर के नांदर गांव से की, जहां उन्होंने किसानों के साथ संवाद किया। बाद में, वह पाली (बीड), पाथरुड, शिरसाव (धाराशिव) और घरी (सोलापुर) गांवों का दौरा करने वाले हैं।
मुख्यमंत्री की घोषणा और ठाकरे की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री फडणवीस ने पिछले सप्ताह कहा था कि कृषि ऋण माफी पर निर्णय अगले वर्ष 30 जून तक लिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि किसानों को बाढ़ राहत के लिए मुआवजा मिलना और रबी की बुवाई की तैयारी करना आवश्यक है।
ठाकरे ने सरकार की समयसीमा पर आलोचना करते हुए कहा, 'यह तारीख हमें स्वीकार्य नहीं है। हम किसानों को उनके नुकसान के मुआवजे के रूप में प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये की मांग कर रहे हैं। किसानों को अब कर्जमाफी की आवश्यकता है। सरकार का कहना है कि वह इस मुद्दे का अध्ययन करना चाहती है।'
ठाकरे का पूर्व अनुभव
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'मेरी सरकार के दौरान, हमने इस मुद्दे का अध्ययन किया था और उसका विवरण अब भी सरकार के पास है। हमारी सरकार ने पहले ऋण माफी की थी।' उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने अब ऋण माफी के लिए 30 जून, 2026 की नई तारीख दी है।
ठाकरे ने सवाल उठाया, 'यदि अगले वर्ष जून में ऋण माफ होने वाला है, तो क्या किसानों को अब अपनी किश्तें चुकानी चाहिए? यदि हां, तो किसान यह राशि कैसे देंगे?' उन्होंने जोर देकर कहा कि किसानों को अब कर्ज माफी मिलनी चाहिए।
