उद्धव और राज ठाकरे की राजनीतिक एकता: महाराष्ट्र में नया अध्याय

महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़
महाराष्ट्र की राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिला है, जब उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने शनिवार को मुंबई में एक भव्य रैली में दो दशकों बाद एकजुटता का संकेत दिया। उद्धव ने अपने चचेरे भाई राज से 18 साल बाद पुनर्मिलन के बारे में कहा कि हम एक साथ रहने के लिए आए हैं और मराठी संस्कृति की रक्षा के लिए एकजुट हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एकजुटता का यह संदेश हमारे भाषणों से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।
भाजपा पर तीखा हमला
उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि हिंदू और हिंदुस्थान स्वीकार्य हैं, लेकिन हिंदी को थोपना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि हिंदुत्व का एकाधिकार नहीं है और हमें हिंदू धर्म सिखाने की आवश्यकता नहीं है। उद्धव ने यह भी याद दिलाया कि 1992 में मुंबई में हुए दंगों के दौरान मराठी लोगों ने हिंदुओं की रक्षा की थी।
राज ठाकरे का भाषण
राज ठाकरे ने सभा में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर तीखा हमला किया और कहा कि उन्होंने वह हासिल किया जो बालासाहेब नहीं कर सके। उन्होंने उद्धव के साथ अपने पुनर्मिलन की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है।
भाषा पर विचार
राज ठाकरे ने कहा कि उन्हें हिंदी से कोई शिकायत नहीं है, क्योंकि कोई भी भाषा बुरी नहीं होती। उन्होंने यह भी बताया कि मराठा साम्राज्य के दौरान मराठी लोगों ने कई राज्यों पर शासन किया, लेकिन कभी भी अपनी भाषा को थोपने का प्रयास नहीं किया।