उदयनिधि का विजय पर कटाक्ष: राजनीति में सक्रियता का महत्व

तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि ने टीवीके प्रमुख विजय पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह केवल एक दिन की गतिविधियों तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने विजय के चुनावी कार्यक्रमों की आलोचना की और राजनीति में सक्रियता के महत्व को रेखांकित किया। अन्य नेताओं ने भी इस पर अपनी राय व्यक्त की, यह दर्शाते हुए कि एक राजनेता को हमेशा जनता के बीच रहना चाहिए। इस बयानबाजी ने राजनीतिक माहौल में हलचल पैदा कर दी है।
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उदयनिधि का विजय पर कटाक्ष: राजनीति में सक्रियता का महत्व

उदयनिधि का बयान

तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि ने आज तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) के प्रमुख विजय पर उनके हालिया चुनावी कार्यक्रमों को लेकर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि विजय ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जो अपनी गतिविधियों को केवल एक दिन तक सीमित रखते हैं। उदयनिधि ने स्पष्ट किया, "मैं केवल शनिवार को बाहर नहीं निकलता। मैं रविवार को भी यात्रा करता हूँ। मुझे तो यह भी नहीं पता कि आज कौन सा दिन है।" यह टिप्पणी विजय के हाई-प्रोफाइल शनिवार के कार्यक्रमों की तुलना में उनके निरंतर प्रचार के विपरीत प्रतीत हुई।


अन्य नेताओं की प्रतिक्रियाएँ

इस महीने की शुरुआत में, मंत्री दुरई मुरुगन ने विजय के रवैये पर टिप्पणी करते हुए कहा, "विजय पर्दे के पीछे से बोल रहे हैं। पहले उन्हें बाहर तो आने दो। इससे क्या फ़र्क़ पड़ता है कि वह अपना प्रचार शनिवार को करते हैं या रविवार को। हम अपना काम कर रहे हैं।" तमिलनाडु भाजपा के पूर्व अध्यक्ष के अन्नामलाई ने भी विजय के कार्यक्रमों पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, "एक राजनेता को चौबीसों घंटे, हफ़्ते के सातों दिन उपलब्ध रहना चाहिए, सिर्फ़ सप्ताहांत पर नहीं। अगर टीवीके एक गंभीर पार्टी बनना चाहती है, तो उसे अपने कामों से यह दिखाना होगा।"


टीवीके की चुनौतियाँ

उन्होंने आगे कहा कि लोग इसे देखेंगे। अगर टीवीके डीएमके का मुख्य प्रतिद्वंद्वी बनना चाहता है, तो उसे यह दिखाना होगा। भाजपा और एआईएडीएमके के नेता जनता के लिए चौबीसों घंटे उपलब्ध रहते हैं। टीवीके को हफ़्ते के सातों दिन, 365 दिन उपलब्ध रहना चाहिए। अगर विजय कहते हैं कि वह लोगों से सिर्फ़ सप्ताहांत में ही मिलेंगे, तो इससे सवाल उठता है कि वह राजनीति को लेकर कितने गंभीर हैं।