उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर दुर्घटना: पायलट राजवीर सिंह चौहान की कहानी
उत्तराखंड के गौरीकुंड में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सात लोगों की जान चली गई, जिसमें पायलट राजवीर सिंह चौहान भी शामिल थे। राजवीर ने भारतीय सेना में 15 वर्षों तक सेवा की और कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का नेतृत्व किया। उनके योगदान ने न केवल सैन्य अभियानों को सफल बनाया, बल्कि स्थानीय समुदायों के जीवन में भी सुधार किया। इस दुखद घटना पर राजस्थान के नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। जानें राजवीर की प्रेरणादायक कहानी और उनके कार्यों के बारे में।
Jun 15, 2025, 16:24 IST
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उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर दुर्घटना
रविवार को उत्तराखंड के गौरीकुंड के घने जंगलों में आर्यन एविएशन का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें सात लोगों की दुखद मौत हो गई। यह हेलीकॉप्टर केदारनाथ धाम से गुप्तकाशी की ओर जा रहा था, तभी यह भीषण हादसा हुआ।
पायलट राजवीर सिंह चौहान का परिचय
जयपुर निवासी पायलट राजवीर सिंह चौहान ने भारतीय सेना में 15 वर्षों तक सेवा की। यह और भी हृदय विदारक है कि राजवीर छह महीने पहले ही जुड़वां बच्चों के पिता बने थे, जिससे उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
राजवीर का करियर
राजवीर सिंह चौहान ने 2009 में भारतीय सेना में शामिल होकर एक असाधारण करियर की शुरुआत की, जहाँ उन्होंने 15 वर्षों तक देश की सेवा की। उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, राजवीर की भूमिका सिर्फ उड़ान भरने तक सीमित नहीं थी; उन्होंने चुनौतीपूर्ण इलाकों में उड़ान मिशनों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
स्थानीय समुदायों के लिए योगदान
राजवीर का प्रभाव केवल सैन्य अभियानों तक ही सीमित नहीं था। उन्होंने दूरदराज के समुदायों के जीवन को बेहतर बनाने वाली कई पहलों का नेतृत्व किया। एक प्राथमिक विद्यालय के निर्माण से लेकर एक स्वास्थ्य सेवा केंद्र की स्थापना तक, उनके प्रयासों से स्थानीय लोगों के जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ।
लीडरशिप और परियोजनाएं
एक कुशल लीडर के तौर पर, राजवीर ने 50 अत्यधिक कुशल एयर ट्रैफिक कर्मियों की टीम का नेतृत्व किया। इस टीम के साथ मिलकर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ जटिल इलाकों में उड़ान संचालन की योजना बनाई और उन्हें सफलतापूर्वक अंजाम दिया। संकट के समय, राजवीर और उनकी टीम हमेशा सबसे आगे रहे। बाढ़ जैसी आपदाओं में मानवीय सहायता और राहत सामग्री पहुँचाकर उन्होंने अनगिनत जानें बचाईं और सैनिकों तक महत्वपूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित की।
महत्वपूर्ण परियोजनाएं
राजवीर की उपलब्धियों में बड़े पैमाने की परियोजनाएं भी शामिल हैं। उन्होंने 7.5 करोड़ रुपये की लागत से एक अत्यधिक खतरे वाले गैरीसन के लिए एक परियोजना का नेतृत्व किया। इसके अलावा, उन्होंने एयर ट्रैफिक कंट्रोल ऑफिस को आधुनिक बनाने के उद्देश्य से 4.5 करोड़ रुपये की परियोजना का प्रबंधन किया। इन पहलों ने सुरक्षा उपायों में एक नया मानक स्थापित किया और उड़ान संचालन की सुरक्षा, परिचालन गतिशीलता और दक्षता में 50% तक की वृद्धि की।
राजस्थान के नेताओं की संवेदनाएं
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा व पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हादसे पर शोक जताया है। राजभवन के प्रवक्ता के अनुसार राज्यपाल ने ईश्वर से राजस्थान के पायलट तथा अन्य श्रद्धालुओं की पुण्यात्मा की शांति और शोक संतप्त परिजनों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना की है।
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा, 'केदारनाथ में हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से हुई राजस्थान के पायलट तथा अन्य श्रद्धालुओं की जनहानि का समाचार अत्यंत दुःखद है। बाबा केदार दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान व शोकाकुल परिवार को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति प्रदान करें।' पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, 'केदारनाथ के पास हुए हेलीकॉप्टर क्रैश में जयपुर निवासी पायलट राजवीर सिंह चौहान समेत सात व्यक्तियों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस कठिन समय में मेरी गहरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं, ईश्वर उन्हें यह आघात सहने की शक्ति प्रदान करें एवं दिवंगतों की आत्मा को शांति प्रदान करें।'