उत्तराखंड में वृद्धाश्रम और दिव्यांगों के लिए नई योजनाओं की घोषणा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में वृद्धाश्रमों की स्थापना और दिव्यांगों के लिए नई योजनाओं की घोषणा की है। उन्होंने दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन राशि को बढ़ाकर 50,000 रुपये करने और दिव्यांग छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की आय सीमा समाप्त करने का प्रस्ताव रखा। यह कदम वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों की समस्याओं को समझने और उनके समाधान के लिए उठाए गए ठोस कदमों का हिस्सा है। जानें इस नई पहल के बारे में और अधिक जानकारी।
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उत्तराखंड में वृद्धाश्रम और दिव्यांगों के लिए नई योजनाओं की घोषणा

मुख्यमंत्री की नई घोषणाएं

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है जिसमें हर जिले में एक वृद्धाश्रम स्थापित करने, दिव्यांगों के विवाह के लिए प्रोत्साहन राशि को 50,000 रुपये करने और कक्षा एक से आठ तक के दिव्यांग छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की आय सीमा को समाप्त करने का प्रस्ताव शामिल है।


यह घोषणाएं वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के साथ संवाद कार्यक्रम के दौरान की गईं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दिव्यांग विवाह अनुदान और राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के लिए एक पोर्टल की शुरुआत की। साथ ही, समाज कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत दी जा रही पेंशन की वित्त वर्ष 2025-26 की पांचवीं किस्त का ऑनलाइन भुगतान भी किया गया।


वृद्धाश्रमों की व्यवस्था

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में बताया कि सभी जिलों में वृद्धाश्रमों की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। वर्तमान में बागेश्वर, चमोली और उत्तरकाशी में राजकीय वृद्धाश्रम संचालित हैं, जबकि देहरादून, अल्मोड़ा और चंपावत में नए भवन निर्माणाधीन हैं।


इसके अलावा, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जैसे क्षेत्रों में गैर-सरकारी संगठनों द्वारा भी वृद्धाश्रम चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि बुजुर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण अधिनियम लागू किया गया है, जिससे बुजुर्गों को अपने बच्चों या कानूनी उत्तराधिकारियों से भरण-पोषण प्राप्त करने का कानूनी अधिकार मिला है।


दिव्यांगों के लिए प्रोत्साहन

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दिव्यांग युवक-युवती से विवाह करने पर प्रोत्साहन राशि को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये किया जाएगा। इसके साथ ही, दिव्यांग छात्रवृत्ति योजना के तहत कक्षा एक से आठ तक के दिव्यांग छात्रों के लिए आय सीमा को समाप्त कर दिया जाएगा।


धामी ने कहा कि बुजुर्गों और दिव्यांगों के साथ संवाद का उद्देश्य उनकी समस्याओं और आवश्यकताओं को समझना है ताकि उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें। उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में देहरादून में प्रधानमंत्री दिव्याशा केंद्र की शुरुआत की गई है और भविष्य में ऐसे केंद्र हर जिले में खोले जाएंगे।