उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश से भूस्खलन, 2 मजदूरों की मौत और 9 लापता

उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें 2 मजदूरों की जान चली गई और 9 अन्य लापता हैं। राज्य सरकार ने यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चारधाम यात्रा को अगले 24 घंटे के लिए स्थगित कर दिया है। घटनास्थल पर बचाव कार्य जारी है, लेकिन लगातार बारिश राहत कार्यों में बाधा डाल रही है। मुख्यमंत्री ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं।
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उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश से भूस्खलन, 2 मजदूरों की मौत और 9 लापता

उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा का कहर

उत्तराखंड में हो रही लगातार मूसलाधार बारिश और भूस्खलन ने स्थिति को गंभीर बना दिया है। रविवार की सुबह उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलाई बैंड के निकट बादल फटने से एक बड़ा हादसा हुआ। इस घटना में 2 मजदूरों की जान चली गई, जबकि 9 अन्य अभी भी लापता हैं।




प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ते खतरे को देखते हुए, राज्य सरकार ने यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चारधाम यात्रा को अगले 24 घंटों के लिए स्थगित कर दिया है। मौसम विभाग द्वारा जारी भारी बारिश की चेतावनी और भूस्खलन के खतरों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।


 


मजदूरों की स्थिति: जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने जानकारी दी कि सिलाई बैंड के पास एक निर्माणाधीन होटल के कैंप में लगभग 19 मजदूर मौजूद थे। बादल फटने से आए मलबे में 9 मजदूर बह गए, जबकि 10 को सुरक्षित निकाल लिया गया है। लापता मजदूरों की खोज जारी है।




यमुनोत्री हाईवे बंद: बादल फटने और भूस्खलन के कारण यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलाई बैंड के पास लगभग 10 मीटर का हिस्सा पूरी तरह से बह गया है, जिससे यातायात बाधित हो गया है। एनएच की टीमें रास्ता खोलने के प्रयास में जुटी हैं। ओजरी के पास भी सड़क संपर्क बाधित हुआ है।




रेस्क्यू ऑपरेशन जारी: घटनास्थल पर पुलिस, एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमें बचाव और तलाशी अभियान में जुटी हुई हैं। लगातार बारिश और मलबा हटाने में आ रही दिक्कतों के कारण राहत कार्यों में बाधा आ रही है।


 


नदियों का जलस्तर बढ़ा: क्षेत्र में हो रही बारिश के कारण अलकनंदा और मंदाकिनी जैसी कई नदियां उफान पर हैं और खतरे के निशान के करीब बह रही हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। स्यानाचट्टी में कुपड़ा कुंशाला त्रिखिली मोटर पुल भी खतरे में आ गया है।




मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़कोट के पास हुए भूस्खलन और बादल फटने की घटना का संज्ञान लिया है। उन्होंने बताया कि बचाव दल ने 20 लोगों को सुरक्षित निकाला है और 2 शव बरामद किए गए हैं। सीएम ने स्थानीय प्रशासन के साथ एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन विभाग को लगातार बचाव कार्य में लगे रहने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन हाई अलर्ट पर है और लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने तथा सतर्कता बरतने की अपील की गई है।