उत्तराखंड में मदरसा बोर्ड का भंग, शिक्षा प्रणाली में होगा बड़ा बदलाव
उत्तराखंड के राज्यपाल ने अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025 को मंजूरी दी है, जिसके तहत मदरसा बोर्ड भंग होगा। इस विधेयक के लागू होने से प्रदेश में मदरसों की शिक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव आएगा। सभी मदरसों को नई शिक्षा नीति के तहत मान्यता प्राप्त करनी होगी। यह कदम राज्य की शिक्षा व्यवस्था को समान और आधुनिक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। जानें इस विधेयक के प्रभाव और बदलावों के बारे में।
Oct 7, 2025, 13:03 IST
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उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025 को मिली मंजूरी

राज्यपाल ने उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025 को दी मंजूरीImage Credit source: Media House
उत्तराखंड के राज्यपाल, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025 को स्वीकृति प्रदान की है। इस विधेयक के लागू होने से प्रदेश में मदरसों की शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण परिवर्तन होंगे। इसके अंतर्गत मदरसा बोर्ड को भंग किया जाएगा और पाठ्यक्रम तथा संबद्धता में भी बदलाव किया जाएगा। इस प्रकार, उत्तराखंड में मदरसों की शिक्षा का स्वरूप बदलने वाला है।
आइए जानते हैं कि उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025 कब से प्रभावी होगा और इसके लागू होने पर क्या परिवर्तन होंगे।
यूके बोर्ड से मान्यता आवश्यक
राज्यपाल की मंजूरी के बाद, उत्तराखंड सरकार इस विधेयक को लागू करने के लिए गैजेट नोटिफिकेशन जारी करेगी। जिस दिन यह नोटिफिकेशन जारी होगा, उसी दिन से विधेयक प्रभावी हो जाएगा। इसके लागू होने के बाद सभी मदरसों को उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण से मान्यता प्राप्त करनी होगी और उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद से संबद्धता प्राप्त करनी होगी।
नई शिक्षा नीति का कार्यान्वयन
इस विधेयक के लागू होने के बाद, प्रदेश में मदरसों में नई शिक्षा नीति 2020 को लागू किया जाएगा। राज्य सरकार इसे 2026 से लागू करने की योजना बना रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे राज्य की शिक्षा प्रणाली को समान और आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक2025 को स्वीकृति प्रदान करने के लिए माननीय राज्यपाल @LtGenGurmit जी (सेवानिवृत्त) का हार्दिक आभार!
माननीय राज्यपाल महोदय की स्वीकृति के साथ ही इस विधेयक के कानून बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इस कानून के अंतर्गत अल्पसंख्यक समुदायों की शिक्षा व्यवस्था
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) October 6, 2025
सीएम धामी ने बताया कि जुलाई 2026 से सभी अल्पसंख्यक स्कूलों में नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) और न्यू एजुकेशन पॉलिसी (NEP-2020) के तहत शिक्षा प्रदान की जाएगी। उनका उद्देश्य है कि प्रदेश के सभी बच्चों को समान शिक्षा और अवसर मिलें।
उत्तराखंड बनेगा पहला राज्य
उत्तराखंड में मदरसों का इतिहास समाप्त होने वाला है। राज्य सरकार द्वारा गैजेट नोटिफिकेशन जारी होने के बाद मदरसा बोर्ड भंग हो जाएगा। इसके साथ ही, उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन जाएगा, जहां मदरसा बोर्ड को समाप्त कर अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थानों को मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली से जोड़ा जाएगा।
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