उत्तराखंड में भालू और जंगली जानवरों के लिए नए बचाव केंद्र की स्थापना
मुख्यमंत्री की नई पहल
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को राज्य में भालू और अन्य जंगली जीवों के लिए बचाव केंद्र स्थापित करने की योजना का ऐलान किया। उन्होंने बताया कि रामनगर में पहले से ही बाघों और तेंदुओं के लिए एक बचाव केंद्र कार्यरत है, जहां कई बाघों और तेंदुओं को सुरक्षित किया गया है। इसी तर्ज पर भालू और अन्य जंगली जानवरों के लिए भी नए केंद्र बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं को लागू करने के लिए अगले दो हफ्तों में एक विस्तृत रणनीति तैयार की जाएगी।
संसाधनों की उपलब्धता
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इन योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए वन विभाग को जाल, पिंजरे और बेहोश करने वाली बंदूकें उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके साथ ही, मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए 5 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि भी आवंटित की जाएगी। इस बीच, धामी ने केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से फोन पर राज्य में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष पर चर्चा की।
उद्घाटन समारोह
शुक्रवार को, मुख्यमंत्री धामी ने बुग्घावाला क्षेत्र में एमबी खाद्य प्रसंस्करण संयंत्र का उद्घाटन किया। इसके बाद, उन्होंने मशरूम प्रसंस्करण संयंत्र का दौरा किया, जहां उन्होंने रिबन काटकर दूसरे संयंत्र का उद्घाटन किया। इस अवसर पर, श्रमिकों और स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री का फूलों की वर्षा करके स्वागत किया। उद्घाटन के बाद, उन्होंने संयंत्र की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और उत्पादन प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्त की।
स्थानीय रोजगार के अवसर
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में कृषि, बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण में तेजी से प्रगति हो रही है। हरिद्वार में मशरूम उत्पादन जैसी नवोन्मेषी पहलों से स्थानीय लोगों को रोजगार मिल रहा है और स्वरोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं।
