उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं की रोकथाम के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन

उत्तराखंड में आपदाओं की बढ़ती घटनाओं पर चिंता
देहरादून: उत्तराखंड के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही प्राकृतिक आपदाओं को लेकर राज्य सरकार चिंतित है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने थराली, सैजी (पौड़ी) और धराली में हाल में आई आपदाओं के संदर्भ में विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की एक समिति बनाने का निर्णय लिया है। इस समिति का मुख्य उद्देश्य इन क्षेत्रों में बार-बार आने वाली आपदाओं के कारणों और पैटर्न का गहन अध्ययन करना है।
आपदा प्रबंधन में सुधार के लिए कदम
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस समिति में राज्य और केंद्र सरकार की प्रमुख एजेंसियों के वैज्ञानिक और विशेषज्ञ शामिल होंगे। ये विशेषज्ञ पिछले वर्षों के डेटा और वर्तमान परिस्थितियों का विश्लेषण करेंगे। उनका लक्ष्य भविष्य में आपदाओं की संभावना को कम करना और बेहतर आपदा प्रबंधन तैयार करना है।
राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश
सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जाए। बेघर हुए लोगों को तुरंत आश्रय उपलब्ध कराने के साथ ही बुनियादी सुविधाओं जैसे बिजली, पानी और सड़क संपर्क को जल्द से जल्द बहाल किया जाए। उन्होंने कहा, “इस अध्ययन से हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि उत्तराखंड में बार-बार आपदाएं क्यों आती हैं और भविष्य में उनका प्रभाव कैसे कम किया जा सकता है।”
थराली में घायलों का उपचार
थराली में बादल फटने से घायल हुए छह व्यक्तियों को शनिवार को हेलिकॉप्टर के माध्यम से एम्स ऋषिकेश भेजा गया, जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम उनका इलाज कर रही है। मौसम विभाग ने राज्य में अगले दो दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस स्थिति को देखते हुए, सीएम धामी ने सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने और संवेदनशील स्थानों पर आपदा प्रबंधन सामग्री और उपकरण पहले से तैयार रखने के निर्देश दिए हैं।