उत्तराखंड में जलविद्युत परियोजना की सुरंग में ट्रेन टकराने से 60 लोग घायल

उत्तराखंड के चमोली जिले में विष्णुगढ़–पीपलकोटी जलविद्युत परियोजना की सुरंग में दो लोको ट्रेनों की टक्कर से लगभग 60 लोग घायल हो गए हैं। घटना के समय कुल 109 लोग ट्रेन में सवार थे। प्रशासन ने सभी घायलों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है और राहत कार्य जारी है। रेलवे ने स्पष्ट किया है कि इस दुर्घटना का रेलवे से कोई संबंध नहीं है। पूरी स्थिति पर नजर रखी जा रही है और हादसे के कारणों की जांच की जा रही है।
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उत्तराखंड में जलविद्युत परियोजना की सुरंग में ट्रेन टकराने से 60 लोग घायल

चमोली में ट्रेन दुर्घटना

मंगलवार की रात उत्तराखंड के चमोली जिले में एक गंभीर घटना घटी, जब विष्णुगढ़–पीपलकोटी जलविद्युत परियोजना की सुरंग में दो लोको ट्रेनों के बीच टक्कर हो गई। इस दुर्घटना में लगभग 60 लोग घायल हुए, जिनमें कई श्रमिक और परियोजना से जुड़े अधिकारी शामिल हैं.


दुर्घटना का विवरण

यह घटना उस समय हुई जब एक ट्रेन श्रमिकों और अधिकारियों को ले जा रही थी, जबकि दूसरी ट्रेन निर्माण सामग्री का परिवहन कर रही थी। दोनों ट्रेनें परियोजना क्षेत्र के भीतर ही चल रही थीं। ज़िलाधिकारी गौरव कुमार ने बताया कि हादसे के समय कुल 109 लोग ट्रेन में सवार थे और सभी घायलों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। सभी की स्थिति फिलहाल स्थिर है.


घायलों का उपचार

जानकारी के अनुसार, 10 घायलों को जिला अस्पताल गोपेश्वर में भर्ती किया गया है, जबकि 17 लोगों को पीपलकोटी के विवेकानंद अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया है। एसपी चमोली सुरजीत सिंह ने बताया कि कुल 42 लोग जिला अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से 4 से 5 लोगों को फ्रैक्चर की समस्या है। प्रशासन और राहत दल मौके पर मौजूद हैं और स्थिति पर नजर रखी जा रही है.


परियोजना की जानकारी

यह दुर्घटना विष्णुगढ़–पीपलकोटी जलविद्युत परियोजना के तहत बनी सुरंग में हुई है, जो अलकनंदा नदी पर हेलंग और पीपलकोटी के बीच निर्माणाधीन है। इस परियोजना की क्षमता 444 मेगावाट है, जिसमें से 111 मेगावाट बिजली उत्पादन की योजना है और इसके अगले वर्ष तक पूरा होने की उम्मीद है.


रेलवे का स्पष्टीकरण

घटना के बाद भारतीय रेलवे ने स्पष्ट किया कि इस हादसे का रेलवे से कोई संबंध नहीं है। उत्तर रेलवे के सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय के अनुसार, यह दुर्घटना परियोजना स्थल पर इस्तेमाल की जा रही स्थानीय ट्रॉली व्यवस्था के कारण हुई है और इसमें भारतीय रेलवे की कोई ट्रेन शामिल नहीं थी.


जांच और राहत कार्य

वर्तमान में प्रशासन राहत और उपचार कार्य में जुटा हुआ है और हादसे के कारणों की पूरी जांच की जा रही है.