देहरादून
उत्तराखंड में वोटर लिस्ट के विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) के साथ-साथ जनगणना की तैयारियों का कार्य भी प्रारंभ हो गया है। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने जनगणना के लिए 19 विभिन्न श्रेणियों में अधिकारियों की नियुक्ति के आदेश जारी किए हैं। मंडल स्तर पर नोडल अधिकारी के रूप में कमिश्नर कार्य करेंगे, जबकि जिलों में जनगणना अधिकारी संबंधित जिले के डीएम होंगे, नगर निगम क्षेत्रों को छोड़कर।
सचिव-जनगणना दीपक कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार ने जनगणना के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अधिकारियों का प्रशिक्षण जल्द ही शुरू किया जाएगा। अगले वर्ष अप्रैल से सितंबर के बीच, प्रदेश भर में 30 दिनों का सघन अभियान चलाकर मकानों की गणना की जाएगी। यह प्रक्रिया आधुनिक उपकरणों और केंद्र सरकार द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर की मदद से की जाएगी। कुमार ने बताया कि उत्तराखंड सहित सभी पर्वतीय राज्यों को एक महीने का अतिरिक्त समय दिया गया है।
दीपक कुमार ने आगे कहा कि जनगणना की तैयारी के लिए 19 श्रेणियों में अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। अधिकारियों और कार्मिकों के प्रशिक्षण की अधिसूचना भी जल्द जारी की जाएगी।
2027 में जनगणना की रिहर्सल
मकानों की गणना के बाद, फरवरी 2027 में किसी भी 10 दिनों में जनगणना का अभियान चलाया जाएगा। इसमें पहले की गणना का सत्यापन किया जाएगा और नए या छूटे भवनों को भी शामिल किया जाएगा। इसके बाद, केंद्र सरकार द्वारा जनगणना का अंतिम कार्यक्रम जारी होने पर राष्ट्रीय स्तर पर अभियान शुरू किया जाएगा।
चकराता-हरिद्वार में पायलट चक्र पूरा
जनगणना की विधिवत शुरुआत से पहले हर स्तर पर रिहर्सल शुरू हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड के चकराता में 22 गांवों में मकानों का सर्वेक्षण किया गया है। मैदानी जिलों के लिए हरिद्वार को चुना गया है, जहां नगर निगम के एक वार्ड में मकानों का विवरण तैयार किया गया है।
नई जनगणना का महत्व
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, उत्तराखंड की जनसंख्या 1.01 करोड़ थी। राज्य के विकास से जुड़ी योजनाओं और कल्याणकारी पेंशन, सब्सिडी आदि का आंकलन इसी के आधार पर किया जा रहा है। पिछले 14 वर्षों में राज्य की जनसंख्या में काफी वृद्धि हुई है। सही आंकड़ों से विकास योजनाओं का आकार और लक्ष्य निर्धारित करना आसान होगा। 2011 में कुल परिवारों की संख्या 19 से 20 लाख के बीच थी, जबकि हाल के वर्षों में शहरीकरण में तेजी आई है।
