उत्तराखंड में अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025 को मिली मंजूरी
उत्तराखंड के राज्यपाल ने अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक 2025 को मंजूरी दी है, जिससे मदरसा बोर्ड समाप्त होगा और सभी मदरसों को मान्यता प्राप्त करनी होगी। मुख्यमंत्री धामी ने इस कदम की सराहना की है, जो राज्य की शिक्षा प्रणाली को अधिक पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण बनाने का प्रयास है। जुलाई 2026 से सभी अल्पसंख्यक स्कूल नई शिक्षा नीति को अपनाएंगे। यह विधेयक अल्पसंख्यक समुदायों के लिए शिक्षा के अवसरों को समान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
Oct 7, 2025, 12:13 IST
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उत्तराखंड में शिक्षा प्रणाली में सुधार
उत्तराखंड के राज्यपाल, लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त), ने सोमवार को अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को मुख्यधारा की शिक्षा में शामिल करने के लिए उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक, 2025 को स्वीकृति दी। इस विधेयक के लागू होने पर, मदरसा बोर्ड समाप्त हो जाएगा और राज्य में सभी मदरसों को उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण से मान्यता प्राप्त करनी होगी, साथ ही उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा बोर्ड से भी संबद्ध होना आवश्यक होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्यपाल सिंह को विधेयक को मंजूरी देने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि यह नया कानून राज्य की शिक्षा प्रणाली को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और गुणवत्तापूर्ण बनाएगा।
विधेयक के प्रभाव और उद्देश्य
धामी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि राज्यपाल की स्वीकृति के साथ अब इस विधेयक के कानून बनने का रास्ता साफ हो गया है। इस कानून के तहत अल्पसंख्यक समुदायों की शिक्षा व्यवस्था के लिए एक प्राधिकरण की स्थापना की जाएगी, जो अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को मान्यता प्रदान करेगा। इसके अलावा, मदरसों जैसे अल्पसंख्यक संस्थानों को उत्तराखंड शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त करना अनिवार्य होगा। यदि यह विधेयक विधानसभा से पारित होता है, तो उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा जो अपने मदरसा बोर्ड को समाप्त करेगा। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, यह विधेयक अल्पसंख्यक संस्थानों को मुख्यधारा की शिक्षा में लाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार के प्रयासों का हिस्सा है।
शैक्षणिक सुधारों की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री धामी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि जुलाई 2026 के शैक्षणिक सत्र से सभी अल्पसंख्यक स्कूल राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCF) और नई शिक्षा नीति (NEP 2020) को अपनाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य का हर बच्चा, चाहे वह किसी भी वर्ग या समुदाय से हो, समान शिक्षा और अवसर प्राप्त करे। नए कानून के तहत, अल्पसंख्यक समुदायों की शिक्षा व्यवस्था की निगरानी के लिए एक प्राधिकरण स्थापित किया जाएगा, जो अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों को मान्यता देने के लिए जिम्मेदार होगा।