उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने समान नागरिक संहिता के तहत विवाह पंजीकरण में बदलाव किए

समान नागरिक संहिता के तहत नए निर्णय
उत्तराखंड की मंत्रिमंडल ने सोमवार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के अंतर्गत ऑनलाइन विवाह पंजीकरण में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इनमें नेपाल, भूटान और तिब्बती मूल के नागरिकों के लिए उनके नागरिकता प्रमाणपत्रों को मान्यता देने का निर्णय शामिल है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद, गृह सचिव शैलेश बगोली ने जानकारी दी कि यूसीसी के तहत ऑनलाइन विवाह पंजीकरण के लिए आधार कार्ड की आवश्यकता होगी। हालांकि, उत्तराखंड में नेपाली, भूटानी और तिब्बती मूल के लोगों के विवाह को ध्यान में रखते हुए इसमें संशोधन किया गया है।
अब आधार कार्ड के साथ-साथ नेपाल और भूटान के नागरिकों के लिए उनके नागरिकता प्रमाण पत्र और 182 दिनों से अधिक समय तक भारत में रहने वाले लोगों के लिए नेपाली मिशन या रॉयल भूटान मिशन द्वारा जारी प्रमाणपत्र को भी मान्यता दी जाएगी। तिब्बती मूल के व्यक्तियों के लिए विदेशी पंजीकरण अधिकारी द्वारा जारी वैध पंजीकरण प्रमाण पत्र भी स्वीकार किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, बगोली ने बताया कि मंत्रिमंडल ने प्रस्तावित विधान परिसर के लिए रायपुर और उसके आस-पास के क्षेत्रों में फ्रीज जोन में आंशिक संशोधन करते हुए छोटे मकानों और दुकानों के निर्माण की अनुमति दी है।
उन्होंने कहा कि इसके मानक आवास विकास विभाग द्वारा निर्धारित किए जाएंगे। इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कर के बाद के लाभ (प्रॉफिट आफ्टर टैक्स) की 15 प्रतिशत राशि को राज्य सरकार को देने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है।