उत्तराखंड पंचायत चुनावों में भाजपा का प्रभावी प्रदर्शन
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के परिणामों में भाजपा ने एक महत्वपूर्ण राजनीतिक ताकत के रूप में उभरते हुए 125 सीटों पर जीत हासिल की है। कांग्रेस ने 83 सीटें जीती हैं, जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों ने 150 सीटें प्राप्त की हैं। भाजपा की सफलता का श्रेय संगठनात्मक मजबूती और विकास योजनाओं को दिया जा रहा है। जानें इस चुनाव के नतीजों और राजनीतिक परिदृश्य के बारे में अधिक जानकारी।
Aug 2, 2025, 13:21 IST
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भाजपा का प्रमुख स्थान
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के परिणाम लगभग सामने आ चुके हैं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके समर्थित उम्मीदवारों ने राज्य में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक शक्ति के रूप में उभरने में सफलता प्राप्त की है। नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भाजपा समर्थित उम्मीदवारों ने 358 जिला पंचायत सीटों में से 125 पर विजय प्राप्त की है। इसके अलावा, 75 से अधिक निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी जीत हासिल की है, जो भाजपा से जुड़े हुए हैं या जिन्होंने पार्टी का समर्थन किया है। इस प्रकार, भाजपा और उसके सहयोगियों ने मिलकर 200 सीटों का आंकड़ा पार कर लिया है।
कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवारों की स्थिति
कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों ने 83 सीटें जीती हैं, जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों ने कुल 150 सीटें हासिल की हैं। कुछ क्षेत्रों में मतगणना अभी भी जारी है, और चुनाव आयोग द्वारा जल्द ही अंतिम आंकड़े जारी होने की उम्मीद है। विजेता निर्दलीय उम्मीदवारों में से कई भाजपा के समर्थक माने जा रहे हैं या उन्होंने परिणामों के बाद पार्टी के समर्थन की घोषणा की है, जिससे स्थानीय निकायों में भाजपा का प्रभाव और भी मजबूत हो सकता है। पंचायत चुनाव ग्राम पंचायतों, ब्लॉक पंचायतों (क्षेत्र) और ज़िला पंचायतों में आयोजित किए गए, जो लोकतांत्रिक भागीदारी का प्रतिनिधित्व करते हैं। अधिकारियों के अनुसार, मतदान प्रक्रिया काफी हद तक शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रही, जिसमें पर्याप्त प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था मौजूद थी।
भाजपा की सफलता के कारण
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा का यह मजबूत प्रदर्शन संगठनात्मक मजबूती और स्थानीय गठबंधनों के साथ-साथ हाल के वर्षों में लागू की गई विकास योजनाओं के समर्थन के कारण है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने ग्रामीण बुनियादी ढाँचे, रोजगार सृजन, महिला कल्याण और पर्यटन विकास पर विशेष ध्यान दिया है, खासकर पहाड़ी जिलों में। कुल सीटों के मामले में दूसरे स्थान पर रहने के बावजूद, कांग्रेस पार्टी ने कुछ जिलों में अपनी उपस्थिति बनाए रखी है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा की पहुंच का मुकाबला करने में कठिनाई का सामना कर रही है।