उत्तराखंड चुनाव 2027: भाजपा-कांग्रेस के बीच राजनीतिक विवाद तेज

उत्तराखंड में 2027 के विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट ने राहुल गांधी की 'लंगड़े घोड़े' वाली टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी है, जिससे नई राजनीतिक बहस छिड़ गई है। कांग्रेस के भीतर की आपसी कलह और भाजपा के नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने के मुद्दे ने इस विवाद को और बढ़ा दिया है। जानें इस राजनीतिक उठापटक के पीछे की पूरी कहानी।
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उत्तराखंड चुनाव 2027: भाजपा-कांग्रेस के बीच राजनीतिक विवाद तेज

उत्तराखंड में राजनीतिक बयानबाजी का दौर

Before Uttarakhand elections, political tussle over ‘lame horse’, BJP-Congress face to face


उत्तराखंड में 2027 के विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट ने राहुल गांधी की 'लंगड़े घोड़े' वाली टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी नजर कांग्रेस के अच्छे नेताओं पर है। इस बयान ने प्रदेश में नई बहस को जन्म दिया है।


राहुल गांधी के लंगड़े घोड़े के संदर्भ के बाद से कांग्रेस में इस विषय पर चर्चा जोरों पर है। धारचूला से विधायक हरीश धामी ने हरक सिंह रावत को कांग्रेस का लंगड़ा घोड़ा बताते हुए कहा कि ऐसे नेता ही लंगड़े हैं, क्योंकि जब पार्टी को उनकी जरूरत थी, तब वे भाजपा में चले गए। हरीश धामी ने कांग्रेस के भीतर की आपसी कलह को भी उजागर किया।


भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी में लंगड़े घोड़ों की कमी नहीं है। महेंद्र भट्ट ने कहा कि जो अच्छे नेता थे, वे भाजपा में शामिल हो चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे कांग्रेस में और अच्छे नेताओं की तलाश कर रहे हैं और 2027 के चुनाव में भारी जीत की उम्मीद कर रहे हैं।


हालांकि महेंद्र भट्ट का यह बयान मजाक में था, लेकिन यह सच है कि बड़े चुनावों के समय कांग्रेस के कई नेता भाजपा में शामिल हो जाते हैं। भाजपा ने पहले भी कांग्रेस पर इस मुद्दे को लेकर चुटकी ली है। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने कांग्रेस के विधायक राजेंद्र भंडारी को शामिल कर बड़ा झटका दिया था। ऐसे में भाजपा का यह बयान कांग्रेस के लिए एक चेतावनी हो सकता है।