उत्तराखंड की द्रौपदी: पांच भाइयों से विवाह की अनोखी कहानी

उत्तराखंड में एक अनोखी विवाह परंपरा के तहत, 21 वर्षीय रजो ने पांच भाइयों से विवाह किया है। यह कहानी महाभारत की द्रौपदी की याद दिलाती है, जहां रजो को सभी पतियों के साथ समान व्यवहार करना पड़ता है। जानें कैसे रजो ने इस स्थिति को स्वीकार किया और अपने जीवन को खुशहाल बनाया।
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उत्तराखंड की द्रौपदी: पांच भाइयों से विवाह की अनोखी कहानी

एक अनोखी विवाह परंपरा

उत्तराखंड की द्रौपदी: पांच भाइयों से विवाह की अनोखी कहानी


महाभारत की द्रौपदी की कहानी तो सभी जानते हैं, जिसमें उसे संयोगवश पांच पांडवों की पत्नी बनना पड़ा। लेकिन उत्तराखंड में एक ऐसी लड़की की कहानी सामने आई है, जिसे आज के समय में भी पांच भाइयों से विवाह करना पड़ा। यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन यह सच है। आइए, जानते हैं इस कलयुग की द्रौपदी के बारे में।


रजो की कहानी

उत्तराखंड की द्रौपदी: पांच भाइयों से विवाह की अनोखी कहानी


हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड की रहने वाली 21 वर्षीय रजो की। रजो ने पांच सगे भाइयों से विवाह किया है, और उसे सभी के साथ समान व्यवहार करना पड़ता है। इस स्थिति में, उसे अपने सभी पतियों के साथ शारीरिक संबंध भी बनाने होते हैं। रजो की गोद भी भर चुकी है और उसका एक बेटा है, लेकिन यह किसी को नहीं पता कि वह किस भाई का है। इसके बावजूद, सभी भाई मिलकर रजो और उसके बच्चे की देखभाल करते हैं।


विवाह की परंपरा

उत्तराखंड की द्रौपदी: पांच भाइयों से विवाह की अनोखी कहानी


रजो की पहली शादी लगभग सात साल पहले हिंदू रीति-रिवाज से बड़े भाई गुड्डू से हुई थी। इसके बाद, उसे अपने पति के चार अन्य भाइयों से भी विवाह करना पड़ा। रजो इस रिश्ते से खुश है और खुद को भाग्यशाली मानती है कि उसे पांच पतियों का प्यार मिला है। वह जानती है कि इस तरह की शादी हमारे देश में कानूनी रूप से अपराध है, लेकिन वह इसे अपनी मजबूरी बताती है। उत्तराखंड और तिब्बत के आसपास के क्षेत्रों में लड़कियों की संख्या कम होने के कारण यह परंपरा प्रचलित है।