उत्तराखंड उच्च न्यायालय में वकीलों के लिए टोपी पहनने की याचिका पर सुनवाई

उत्तराखंड उच्च न्यायालय में टोपी पहनने की याचिका
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को वकीलों के आधिकारिक ड्रेस कोड में टोपी को शामिल करने के संबंध में एक याचिका पर सुनवाई की। यह जनहित याचिका अधिवक्ता विनोद नौटियाल द्वारा दायर की गई है।
याचिका में, नौटियाल ने 2001 की एक घटना का उल्लेख किया, जब वरिष्ठ मंत्री नारायण रामदास को उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश के समक्ष पेश होना था। उस समय पुलिस ने उनसे अदालत में प्रवेश करने से पहले अपनी सफेद गांधी टोपी उतारने के लिए कहा था।
इस पर विवाद भी उत्पन्न हुआ था। याचिका में यह भी कहा गया है कि किसी को टोपी उतारने के लिए मजबूर करना उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
नौटियाल ने अदालत कक्ष में काली या किसी अन्य रंग की टोपी पहनने की अनुमति मांगी है और 'बार काउंसिल ऑफ इंडिया' से अनुरोध किया है कि वह अपने नियमों में संशोधन कर टोपी को वकीलों की आधिकारिक पोशाक का हिस्सा बनाएं।
उन्होंने यह भी बताया कि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में ठंड बहुत अधिक होती है और शोक या उत्सव के अवसर पर विशेष टोपी पहनने की परंपरा है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सिख समुदाय के सदस्यों को अदालत में पगड़ी पहनने की अनुमति है।