उत्तराखंड उच्च न्यायालय में जूडो कोच पर यौन उत्पीड़न के आरोपों की सुनवाई

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने जूडो कोच पर यौन उत्पीड़न के आरोपों की सुनवाई के लिए 16 जून की तारीख निर्धारित की है। एक 19 वर्षीय प्रशिक्षु खिलाड़ी ने आरोप लगाया है कि उसे प्रशिक्षण के दौरान यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। इस मामले में पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है और शिकायतकर्ता ने आरोपी कोच के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और सुनवाई की प्रक्रिया के बारे में।
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उत्तराखंड उच्च न्यायालय में जूडो कोच पर यौन उत्पीड़न के आरोपों की सुनवाई

जूडो कोच के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने जूडो कोच पर यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित याचिका की अगली सुनवाई 16 जून को निर्धारित की है। इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ द्वारा की गई।


याचिका में एक 19 वर्षीय प्रशिक्षु जूडो खिलाड़ी ने बताया कि वह देहरादून की निवासी है और पिछले सात वर्षों से सविता गुरूंग से जूडो-कराटे का प्रशिक्षण ले रही है।


खिलाड़ी ने यह भी आरोप लगाया कि उसे 2024 में भोपाल में राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण के लिए चुना गया था, लेकिन सविता गुरूंग ने उसे वहां भेजने के बजाय उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में प्रशिक्षक सतीश शर्मा के पास भेज दिया।


याचिका में कहा गया है कि 12 मार्च 2023 को प्रशिक्षण के दौरान सतीश शर्मा ने उसे अपने फार्म हाउस ले जाकर, गेट बंद कर दिया और एक संदेश देने के बहाने कथित तौर पर उसका यौन उत्पीड़न किया।


जूडो खिलाड़ी ने बताया कि जब उसने इसका विरोध किया, तो प्रशिक्षक ने उसे धमकी दी कि वह उसके करियर को बर्बाद कर देगा और राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने की अनुमति नहीं देगा। इसके परिणामस्वरूप, वह मानसिक आघात के कारण राष्ट्रीय खेलों में भाग नहीं ले पाई।


इस मामले में 28 अप्रैल 2025 को देहरादून के रायपुर पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई, जिसे बाद में मुरादाबाद के भोजपुर पुलिस थाने को स्थानांतरित कर दिया गया। याचिका में शिकायतकर्ता ने मामले की जांच के लिए एक समिति गठित करने और आरोपी कोच के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।