उत्तरकाशी में बादल फटने से भूस्खलन, चार की मौत और 50 से अधिक लापता

उत्तरकाशी में भूस्खलन की त्रासदी
मंगलवार को दोपहर लगभग 1:45 बजे, हरसिल के भारतीय सेना शिविर से करीब 4 किलोमीटर दूर उत्तरकाशी के धराली गांव में एक गंभीर बादल फटने के कारण भूस्खलन हुआ। इस घटना में चार लोगों की जान चली गई और 50 से अधिक लोग लापता हैं। इस भूस्खलन ने पवित्र गंगोत्री धाम का सभी सड़क संपर्क बाधित कर दिया है। आपदा के कारण पानी और मलबे का सैलाब उमड़ पड़ा, जिससे पूरा क्षेत्र जलमग्न हो गया और कई राहत एजेंसियों को आपातकालीन कार्य शुरू करना पड़ा। प्रशासन ने सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 01374222126 और 222722 जारी किए हैं.
प्रधानमंत्री और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि वह सभी प्रभावित लोगों की कुशलता की कामना करते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से बात की और स्थिति की जानकारी ली। राज्य सरकार की निगरानी में राहत और बचाव दल हर संभव प्रयास कर रहे हैं। चमोली पुलिस ने बताया कि बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-58) पर पागलनाला और भनेरपानी के पास मलबा आने से सड़क अवरुद्ध हो गई है, जिसका समाधान किया जा रहा है.
पुलिस ने यह भी बताया कि ज्योतिर्मठ-मलारी मोटर मार्ग सलधार के पास बह गया है। यात्रियों और स्थानीय निवासियों से अनुरोध किया गया है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तरकाशी में आई बाढ़ के दृश्य को विचलित करने वाला बताया और प्रभावित लोगों की कुशलता की कामना की। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही हैं और जीवन बचाने के लिए हर संभव कदम उठा रही हैं.
भाजपा नेताओं की संवेदनाएं
जेपी नड्डा ने कहा कि उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने से कई लोगों के हताहत होने की खबर अत्यंत दुखद है। उन्होंने कहा कि पीड़ितों की सहायता के लिए उत्तराखंड सरकार और राहत दल पूरी तत्परता से जुटे हुए हैं। इस संकट के समय में भाजपा के सभी कार्यकर्ता पीड़ितों की मदद के लिए सक्रिय हैं। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और ईश्वर से प्रार्थना की कि इस भयावह घटना से प्रभावित सभी लोग सुरक्षित रहें.