उत्तरकाशी में बादल फटने से आई बाढ़, चार लोगों की मौत और 130 से अधिक सुरक्षित

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में धराली गांव में बादल फटने से खीर गंगा नदी में आई बाढ़ ने चार लोगों की जान ले ली। राहत कार्य में 130 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। भारतीय सेना ने लापता लोगों की खोज के लिए हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं। भटवारी में सड़क ढहने से बचाव कार्य में बाधा आई है। अलकनंदा और भागीरथी नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। केदारनाथ यात्रा भी अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई है।
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उत्तरकाशी में बादल फटने से आई बाढ़, चार लोगों की मौत और 130 से अधिक सुरक्षित

उत्तरकाशी में बाढ़ की तबाही

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने से खीर गंगा नदी में आई भयंकर बाढ़ ने चार लोगों की जान ले ली और 130 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। राज्य सरकार के अनुसार, राहत कार्य में राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और सेना जैसी एजेंसियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारी बारिश के बीच, बुधवार सुबह धराली में राहत और बचाव कार्य फिर से शुरू किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात कर स्थिति की जानकारी ली। मंगलवार को बादल फटने से खीर गंगा नदी में आई बाढ़ ने लगभग आधा गांव तबाह कर दिया। धराली गंगोत्री धाम से लगभग 20 किलोमीटर पहले स्थित है और यह यात्रा का एक प्रमुख पड़ाव है।


लापता लोगों की खोज में सेना की मदद


भारतीय सेना ने फंसे हुए लोगों की खोज के लिए MI-17 और चिनूक हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं। कम से कम 60 लोग लापता हैं, लेकिन वास्तविक संख्या इससे अधिक हो सकती है, क्योंकि कई लोग धराली गांव में दूध मेले के लिए इकट्ठा हुए थे जब यह आपदा आई। रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि लापता लोगों में 11 सैनिक भी शामिल हैं।


सड़क ढहने से बचाव कार्य में बाधा


भटवारी में मुख्य सड़क के ढहने का एक वीडियो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। सड़क के अचानक बह जाने से एम्बुलेंस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी और अन्य बचाव दल फंस गए हैं। घायलों तक पहुँचने वाली एम्बुलेंसें अब सड़क के बह जाने के कारण फंसी हुई हैं, जिससे राहत कार्य में काफी बाधा आ रही है।


मौसम की स्थिति और भूस्खलन


उत्तराखंड के धरासू क्षेत्र में पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा अचानक टूटकर सड़क पर गिर गया। बड़े पत्थरों और चट्टानों के गिरने से अधिकारियों ने सुरक्षा के लिए सड़क को बंद कर दिया। गनीमत यह रही कि यह घटना सुबह हुई जब कोई वाहन नहीं था, जिससे बड़ी दुर्घटना टल गई।


नदियों का जलस्तर बढ़ा


अलकनंदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। लगातार बारिश के कारण जलस्तर बढ़ने से स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। भागीरथी नदी भी उफान पर है। भटवारी से लगभग 20 किलोमीटर पहले, भागीरथी नदी का बहाव खतरनाक रूप से तेज है।


केदारनाथ यात्रा स्थगित


बिगड़ते मौसम और अवरुद्ध मार्गों के कारण केदारनाथ यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। अधिकारी स्थिति पर नजर रख रहे हैं और तीर्थयात्रियों से सुरक्षित स्थानों पर रहने का आग्रह किया है।