उत्तर प्रदेश सरकार ने अग्निवीरों के लिए पुलिस भर्ती में 20% आरक्षण की मंजूरी दी

उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व अग्निवीरों के लिए पुलिस भर्ती में 20% आरक्षण की मंजूरी दी है। यह निर्णय अग्निपथ योजना के तहत चार साल की सैन्य सेवा के बाद सिविल सेवाओं में शामिल होने में मदद करेगा। जानें इस निर्णय के पीछे के उद्देश्य और अग्निवीरों की सेवा अवधि के बारे में।
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उत्तर प्रदेश सरकार ने अग्निवीरों के लिए पुलिस भर्ती में 20% आरक्षण की मंजूरी दी

अग्निवीरों के लिए आरक्षण का निर्णय

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य पुलिस भर्ती में पूर्व अग्निवीरों के लिए 20% आरक्षण को स्वीकृति दी। यह निर्णय कैबिनेट की बैठक में लिया गया, जो सुबह 11 बजे आयोजित हुई। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, यह आरक्षण पुलिस विभाग की विभिन्न श्रेणियों में सीधी भर्ती पर लागू होगा, जिसमें सिविल पुलिस कांस्टेबल, प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी), घुड़सवार पुलिस कांस्टेबल और फायरमैन शामिल हैं।


आरक्षण का उद्देश्य

राज्य सरकार ने बताया कि इस कोटे का उद्देश्य अग्निपथ योजना के तहत चार साल की सैन्य सेवा के बाद पूर्व अग्निवीरों को सिविल सेवाओं में शामिल करने में मदद करना है। यह कदम अग्निवीरों को सेवा के बाद रोजगार के अवसर प्रदान करने और राष्ट्रीय रक्षा में उनके योगदान को मान्यता देने के लिए उत्तर प्रदेश के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।


अग्निपथ योजना का परिचय

अग्निवीर वे युवा होते हैं जिन्हें अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किया जाता है, जो जून 2022 में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक अल्पकालिक सैन्य भर्ती पहल है। इस योजना का उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों में युवा, तकनीक-प्रेमी और गतिशील प्रोफ़ाइल को शामिल करना है, जिसमें सेना, नौसेना और वायु सेना शामिल हैं।


अग्निवीरों की सेवा अवधि

17.5 से 23 वर्ष की आयु के उम्मीदवार इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। चयनित होने पर, अग्निवीर चार साल तक सेवा करते हैं, जिसमें छह महीने का प्रशिक्षण और साढ़े तीन साल की सक्रिय ड्यूटी शामिल होती है। चार साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद, लगभग 25% अग्निवीरों को योग्यता और प्रदर्शन के आधार पर सशस्त्र बलों में स्थायी भूमिकाओं के लिए चुना जाता है। शेष कर्मियों को बिना किसी पेंशन लाभ के लगभग 11-12 लाख रुपये के सेवा निधि पैकेज के साथ रिहा किया जाता है।