उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र: महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की तैयारी

उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज से आरंभ हो रहा है, जिसमें कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाएंगे। विपक्षी दलों द्वारा कोडीन युक्त कफ सिरप की तस्करी और मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर हंगामा होने की संभावना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदस्यों से खुली चर्चा की अपील की है। जानें इस सत्र में उठने वाले प्रमुख मुद्दे और सुरक्षा इंतजामों के बारे में।
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उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू

उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज से आरंभ हो रहा है, जो 24 दिसंबर तक चलेगा। इस पांच दिवसीय सत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने की योजना बना रही है, जिसमें आठ अध्यादेशों को कानून में बदलने वाले बिल और पहला अनुपूरक बजट शामिल हैं। पहले दिन ही विपक्षी दलों, विशेषकर समाजवादी पार्टी, द्वारा कोडीन युक्त कफ सिरप की तस्करी और मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान को लेकर हंगामा होने की संभावना है.


सर्वदलीय बैठक में सदन की शालीनता पर जोर

सत्र से पहले विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में सर्वदलीय और कार्यमंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सभी दलों के नेताओं ने सदन को शालीनता और संसदीय मर्यादा के साथ चलाने का आश्वासन दिया। अध्यक्ष महाना ने सदस्यों से सकारात्मक संवाद अपनाने और सभी को बोलने का अवसर देने की अपील की.


मुख्यमंत्री की खुली चर्चा की अपील

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विधेयकों पर खुली चर्चा होगी और सदस्यों को सार्थक बहस में भाग लेना चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने सरकार की ओर से हर मुद्दे पर गंभीरता से जवाब देने का आश्वासन दिया। बैठक में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय सहित अन्य दलों के नेता भी उपस्थित थे.


मुख्य मुद्दे जो सदन में गरमा सकते हैं

विपक्ष कोडीन आधारित कफ सिरप की अवैध तस्करी के बड़े रैकेट को प्रमुखता से उठाने की योजना बना रहा है। हाल के महीनों में यूपी STF, ED और FSDA की कार्रवाइयों में हजारों करोड़ के इस सिंडिकेट का पर्दाफाश हुआ है। लाखों बोतलें जब्त की गईं, दर्जनों गिरफ्तारियां हुईं और कई फर्मों के लाइसेंस रद्द किए गए। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे ‘माफिया राज’ का प्रमाण बताया है.


सुरक्षा इंतजामों की पुख्ता व्यवस्था

सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए विधान भवन परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। डीजीपी और पुलिस कमिश्नर सहित आला अधिकारियों की बैठक में यातायात, जांच और अग्निशामक व्यवस्था पर चर्चा की गई। यह सत्र 2027 विधानसभा चुनाव से पहले का आखिरी बड़ा मौका है, जहां सत्ता और विपक्ष अपनी-अपनी ताकत दिखाएंगे.