उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की बंपर भर्ती की तैयारी, 23 हजार पद खाली

उत्तर प्रदेश में सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। 23 हजार से अधिक पद खाली हैं, जिनमें प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक, प्रवक्ता, प्रधानाध्यापक और प्रिंसिपल शामिल हैं। शिक्षा निदेशालय ने रिक्तियों की जानकारी एकत्रित कर ली है और इसे चयन आयोग को भेजने की तैयारी कर रहा है। इस भर्ती प्रक्रिया के संपन्न होने के बाद, शिक्षण कार्य में सुधार की उम्मीद है। जानें इस भर्ती से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ।
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उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की बंपर भर्ती की तैयारी, 23 हजार पद खाली

उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती का ऐलान

उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की बंपर भर्ती की तैयारी, 23 हजार पद खाली

शिक्षकों की बड़ी भर्तीImage Credit source: Pixabay

उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। राज्य में प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी), प्रवक्ता (पीजीटी), प्रधानाध्यापक और प्रिंसिपल के लिए हजारों पद रिक्त हैं। शिक्षा निदेशालय ने इन रिक्तियों की जानकारी एकत्रित कर ली है और अब इसे उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को भेजने की तैयारी कर रहा है। इस भर्ती प्रक्रिया के संपन्न होने के बाद, राज्य के स्कूलों में लंबे समय से खाली पद भरे जाएंगे, जिससे शिक्षण कार्य में सुधार की उम्मीद है.

23 हजार से अधिक पदों पर भर्ती की योजना

उत्तर प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी, पीजीटी, प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य के 23 हजार से अधिक पदों पर सीधी भर्ती की जाएगी। शिक्षा विभाग ने 31 मार्च 2026 तक की संभावित रिक्तियों को ध्यान में रखते हुए अधियाचन मांगा था। 29 जुलाई तक इस संबंध में निर्देश जारी किए गए थे। गाजीपुर को छोड़कर सभी जिलों ने अपनी जानकारी भेज दी है। अब तक 71 जिलों की गणना पूरी हो चुकी है, जिनमें 22,201 पद रिक्त पाए गए हैं। जब शेष चार जिलों की जानकारी शामिल होगी, तो कुल पदों की संख्या 23 हजार से अधिक होने की संभावना है.

भर्ती प्रक्रिया अंतिम चरण में

शिक्षा निदेशालय ने बताया है कि चयन आयोग का पोर्टल तैयार होने के बाद सभी रिक्त पदों की विस्तृत जानकारी उस पर अपलोड की जाएगी। उप शिक्षा निदेशक (माध्यमिक-3) डॉ. ब्रजेश मिश्र ने बताया कि डीआईओएस को निर्देश दिए गए हैं कि केवल वास्तविक रिक्तियां ही अधियाचन में शामिल हों.

इसके अलावा, शासन ने बिना अनुमति के किए गए संबद्धीकरण आदेशों को तुरंत निरस्त करने और संबंधित कर्मचारियों को उनकी मूल तैनाती पर लौटाने के निर्देश भी दिए हैं। भर्ती प्रक्रिया के संपन्न होने के बाद स्कूलों में शिक्षकों की कमी काफी हद तक दूर हो जाएगी.

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