उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान अधिकारियों का निलंबन

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान गंभीर खामियों के चलते एक लेखपाल और एक बूथ स्तरीय अधिकारी को निलंबित किया गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी रवींद्र कुमार ने इस कार्रवाई का आदेश दिया। निरीक्षण के दौरान कई बूथों पर लापरवाही पाई गई, जिससे चुनावी प्रक्रिया पर असर पड़ा। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे के कारण।
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उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान अधिकारियों का निलंबन

मतदाता सूची के पुनरीक्षण में खामियां

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान गंभीर खामियों के कारण एक लेखपाल और एक बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) को निलंबित कर दिया गया है। यह जानकारी बुधवार को एक आधिकारिक बयान में दी गई।


जिला निर्वाचन अधिकारी रवींद्र कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी किया। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार एसआईआर के तहत, कुमार ने लालगंज विधानसभा क्षेत्र में कम प्रगति वाले बूथों का निरीक्षण किया।


बयान के अनुसार, शाहपुर के प्राथमिक विद्यालय (बूथ संख्या 407) के निरीक्षण में बीएलओ रफीउल्लाह का कार्य संतोषजनक नहीं पाया गया। फॉर्म के वितरण और डिजिटलीकरण में लापरवाही के आरोप में जिला निर्वाचन अधिकारी ने बीएलओ के निलंबन का निर्देश दिया।


इसके अतिरिक्त, उधरा कूबा के प्राथमिक विद्यालय (बूथ संख्या 385) के निरीक्षण में यह पाया गया कि लेखपाल/पर्यवेक्षक ने बीएलओ इंदु देवी को सही जानकारी और आवश्यक सहयोग नहीं दिया। इसी तरह, शिवका प्राथमिक विद्यालय (बूथ संख्या 383) की बीएलओ प्रीति सिंह दीपा को भी लेखपाल/पर्यवेक्षक ने आवश्यक सहयोग नहीं दिया और लापरवाही बरती। इसके परिणामस्वरूप, जिला निर्वाचन अधिकारी ने लेखपाल विनोद कुमार यादव को निलंबित करने और अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।