उत्तर प्रदेश में बेटियों की सुरक्षा पर राज्यपाल का बयान

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गोरखपुर में कहा कि अब बेटियां बेखौफ होकर रात में भी बाहर जा सकती हैं। उन्होंने महिला कांस्टेबलों के प्रशिक्षण और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पर जोर दिया। जानें उनके विचार और सुरक्षा प्रबंधन के महत्व के बारे में।
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उत्तर प्रदेश में बेटियों की सुरक्षा पर राज्यपाल का बयान

राज्यपाल का गोरखपुर दौरा

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को कहा कि पहले बेटियां शाम पांच बजे के बाद बाहर जाने में डरती थीं, लेकिन अब मजबूत कानून-व्यवस्था के चलते वे आधी रात को भी बेखौफ यात्रा कर सकती हैं।


पटेल ने गोरखपुर जिले में 26वीं पीएसी बटालियन और पुलिस प्रशिक्षण केंद्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत पौधारोपण किया।


कैंटीन का निरीक्षण करने के बाद, उन्होंने प्रशिक्षु महिला कांस्टेबलों से बातचीत की।


उत्तर प्रदेश राजभवन द्वारा जारी एक बयान में बताया गया कि महिला कांस्टेबलों ने राज्यपाल के साथ अपने अनुभव साझा किए। राज्यपाल ने महिला पुलिसकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा, 'उत्तर प्रदेश एक बड़ा राज्य है, जिसमें 75 जनपद और 25 करोड़ से अधिक की जनसंख्या है। इन सभी की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखना आपकी जिम्मेदारी है।'


राज्यपाल ने कहा कि प्रशिक्षण का उद्देश्य सुरक्षा प्रबंधन सीखना, विभिन्न परिस्थितियों में कानून-व्यवस्था बनाए रखना और चुनौतियों का सामना करने की क्षमता विकसित करना है। यह शिक्षा आगे चलकर प्रदेश और समाज में शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहायक होगी।


उन्होंने यह भी कहा कि सभी के लिए कानून समान है और जो व्यक्ति कानून को अपने हाथ में लेता है, उसके लिए दंड निश्चित है। जब कानून का कड़ाई से पालन होता है, तभी समाज में शांति स्थापित होती है।


पटेल ने निर्देश दिए कि प्रशिक्षण के दौरान महिला कांस्टेबलों का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) नियमित रूप से जांचा जाए और शरीर की आवश्यकता के अनुसार उन्हें संतुलित आहार उपलब्ध कराया जाए।