उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू का अलर्ट: सुरक्षा उपायों की समीक्षा
उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू के खतरे को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी संबंधित विभागों को सुरक्षा उपायों को लागू करने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग को मनुष्यों में संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है। जानें इस स्थिति में क्या कदम उठाए जा रहे हैं और किस प्रकार की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।
Aug 13, 2025, 17:20 IST
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बर्ड फ्लू के खतरे के प्रति सतर्कता
उत्तर प्रदेश में बुधवार को बर्ड फ्लू के खतरे को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। H5 एवियन इन्फ्लूएंजा के संभावित प्रभावों से बचने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया है कि वे संरक्षित पशुओं और पक्षियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और लापरवाही से बचें। इसके साथ ही, राज्य के स्वास्थ्य विभाग को H5 एवियन इन्फ्लूएंजा के मानवों में फैलने की रोकथाम के लिए एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।
सुरक्षा उपायों का कार्यान्वयन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बर्ड फ्लू के संभावित खतरे को देखते हुए राज्य के सभी चिड़ियाघरों, पक्षी अभयारण्यों, राष्ट्रीय उद्यानों, आर्द्रभूमि और गौशालाओं में सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने चिड़ियाघर परिसरों की नियमित सफाई सुनिश्चित करने और केंद्र व राज्य के दिशा-निर्देशों के अनुसार उपायों को तुरंत लागू करने पर जोर दिया। स्वच्छता उपायों में, आवश्यकतानुसार ब्लो-टॉर्च का उपयोग और सभी पशुओं और पक्षियों की अनिवार्य स्वास्थ्य जांच शामिल है।
पशुओं के आहार और कर्मचारियों की सुरक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुओं को भोजन देने से पहले उनके आहार की गहन जांच की जानी चाहिए। पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, बाड़ों में कर्मचारियों की ड्यूटी जोखिम के स्तर के अनुसार निर्धारित की जानी चाहिए। आदित्यनाथ ने चिड़ियाघर के कर्मचारियों को बर्ड फ्लू, जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा के नाम से भी जाना जाता है, का पता लगाने और इसके प्रसार को रोकने के लिए प्रशिक्षित करने का निर्देश दिया। उन्हें पीपीई किट और सुरक्षा गियर भी प्रदान किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट
इसके अतिरिक्त, स्वास्थ्य विभाग को मनुष्यों पर बर्ड फ्लू के संभावित प्रभावों का अध्ययन करने और आम जनता में संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। आदित्यनाथ ने केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, स्वास्थ्य मंत्रालय, मत्स्य पालन एवं डेयरी विभाग और भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (बरेली) के साथ निरंतर समन्वय बनाए रखने और उनकी सिफारिशों का समय पर कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।