उत्तर प्रदेश में प्रॉपर्टी गिफ्ट के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रॉपर्टी गिफ्ट करने के नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिससे परिवार के सदस्यों के लिए संपत्ति का हस्तांतरण अब सस्ता और आसान हो गया है। नए नियम के तहत, खून के रिश्तों में प्रॉपर्टी गिफ्ट करने के लिए केवल ₹5000 की स्टांप ड्यूटी और ₹1000 की प्रोसेसिंग फीस चुकानी होगी। यह नियम विशेष रूप से माता-पिता, पति-पत्नी, और अन्य करीबी रिश्तेदारों के लिए लागू है। जानें इस नियम के लाभ और अपवादों के बारे में।
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उत्तर प्रदेश में प्रॉपर्टी गिफ्ट के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव

परिवार के लिए प्रॉपर्टी गिफ्ट करना हुआ आसान

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रॉपर्टी गिफ्ट करने के नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जो परिवार के सदस्यों के लिए एक बड़ा तोहफा साबित होगा। अब यदि आप अपने रिश्तेदारों को प्रॉपर्टी गिफ्ट करना चाहते हैं, तो आपको केवल ₹5000 की स्टांप ड्यूटी और ₹1000 की प्रोसेसिंग फीस चुकानी होगी। पहले जहां लाखों रुपये की स्टांप ड्यूटी लगती थी, वहीं अब यह नया नियम संपत्ति के ट्रांसफर को सस्ता और सरल बना देगा। आइए, इस नियम की पूरी जानकारी और इसके लाभों के बारे में जानते हैं।


प्रॉपर्टी गिफ्ट करने की प्रक्रिया

नए नियम के अनुसार, खून के रिश्तों में प्रॉपर्टी गिफ्ट करना अब न केवल आसान है, बल्कि किफायती भी है। आप अपनी प्रॉपर्टी को माता-पिता, पति-पत्नी, बेटे-बेटी, बहू-दामाद, सगी बहन, नाती-पोते या सगे भाई की मृत्यु के बाद उनके जीवनसाथी को गिफ्ट कर सकते हैं। यह प्रक्रिया इतनी सरल है कि इसे ऑनलाइन आईपीओ में निवेश करने के समान समझा जा सकता है। इससे परिवार के भीतर संपत्ति का हस्तांतरण न केवल सस्ता हुआ है, बल्कि अगली पीढ़ी के लिए संपत्ति को सुरक्षित रखने का एक बेहतरीन अवसर भी प्रदान करता है।


नियम के अंतर्गत आने वाले रिश्ते

यह नया नियम केवल खून के रिश्तों और कुछ विशेष करीबी रिश्तेदारों के लिए लागू है। इसमें आपके माता-पिता, पति-पत्नी, बेटे-बेटी, बहू-दामाद, सगी बहन, नाती-पोते और सगे भाई की मृत्यु के बाद उनके जीवनसाथी शामिल हैं। यदि आप अपनी संपत्ति को परिवार के भीतर सुरक्षित रखना चाहते हैं और अगली पीढ़ी को देना चाहते हैं, तो यह नियम आपके लिए एक वरदान साबित होगा।


नियम के अपवाद

यह ध्यान रखना आवश्यक है कि यह नियम व्यावसायिक संस्थाओं जैसे कंपनियों, फर्मों या ट्रस्टों पर लागू नहीं होता है। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति गिफ्ट में मिली प्रॉपर्टी को किसी तीसरे व्यक्ति को पुनः गिफ्ट करता है, तो यह सुविधा उस पर लागू नहीं होगी। पहले इस नियम को एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था, लेकिन इसकी सफलता को देखते हुए सरकार ने इसे अनिश्चितकाल के लिए लागू करने का निर्णय लिया है।