उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना-दो से लाखों को मिलेगा घर

लखनऊ: केंद्रीय बजट 2025 की नई पहल
केंद्रीय बजट 2025 ने उत्तर प्रदेश में छोटे घरों का सपना देखने वाले लाखों लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया है। इस बजट के तहत, राज्य को प्रधानमंत्री आवास योजना-दो के लिए 350 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है, जिससे लगभग 15 से 20 लाख लोगों को अपने घर का सपना पूरा करने में मदद मिलेगी। अब तक, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 17.70 लाख लोगों को आवास प्रदान किया जा चुका है, और इस बार योजना का विस्तार किया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना-दो का विस्तार
इस योजना में सरकार ने एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिसमें उन लोगों को भी शामिल किया गया है जिनकी वार्षिक आय नौ लाख रुपये तक है। पहले यह सीमा कम थी, लेकिन अब अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। विकास प्राधिकरणों द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), कम आय वाले समूह (एलआईजी), और मध्यम आय वाले समूह (एमआईजी) के लिए मकान बनाए जाएंगे।
भूमि धारकों के लिए अनुदान
प्रधानमंत्री आवास योजना में एक और महत्वपूर्ण पहल यह है कि जिनके पास पहले से भूमि है, उन्हें मकान निर्माण के लिए ढाई लाख रुपये तक का अनुदान मिलेगा। यह विशेष रूप से उन गरीब परिवारों के लिए है जिनके पास अपनी जमीन है लेकिन संसाधनों की कमी के कारण वे घर नहीं बना पा रहे हैं।
विशेष सहायता की घोषणा
इस योजना में वरिष्ठ नागरिकों और विधवा महिलाओं के लिए विशेष सहायता राशि की भी घोषणा की गई है। वरिष्ठ नागरिकों को 30 हजार रुपये और विधवा महिलाओं को 20 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी, ताकि उन्हें घर बनाने में कोई कठिनाई न हो। इसके अलावा, जो लोग एक साल के भीतर अपने मकान का निर्माण पूरा करेंगे, उन्हें 10 हजार रुपये का पुरस्कार भी दिया जाएगा।
रोजगार के अवसरों में वृद्धि
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बड़े पैमाने पर मकान निर्माण से रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिक इस योजना से सीधे लाभान्वित होंगे, क्योंकि अधिक घरों के निर्माण से उनकी काम की मांग बढ़ेगी।
आवेदन प्रक्रिया और चयन
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इच्छुक व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए आवेदकों को अपनी आय का प्रमाण, आधार कार्ड, जमीन के दस्तावेज (यदि खुद की भूमि है), और अन्य आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। लाभार्थियों का चयन प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा, जिसमें गरीब, वंचित और वरिष्ठ नागरिकों को प्राथमिकता दी जाएगी।