उत्तर प्रदेश में पेट्रोल की कीमतों में भारी वृद्धि: जानें क्या है हाल

उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल की कीमतों में भारी वृद्धि ने आम जनता की जेब पर असर डाला है। लखनऊ, कानपुर, आगरा और वाराणसी में पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और रुपये की कमजोरी इस वृद्धि के प्रमुख कारण हैं। जानें इन शहरों में पेट्रोल और डीजल की ताजा कीमतें और इसका आम जीवन पर क्या प्रभाव पड़ रहा है।
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उत्तर प्रदेश में पेट्रोल की कीमतों में भारी वृद्धि: जानें क्या है हाल

पेट्रोल की कीमतों का असर

पेट्रोल की कीमतें: उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में आज पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि ने आम जनता की आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। लखनऊ, कानपुर, आगरा और वाराणसी जैसे प्रमुख शहरों में पेट्रोल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और रुपये की गिरावट ने इस वृद्धि को और बढ़ावा दिया है। आइए, देखते हैं कि यूपी के बड़े शहरों में आज पेट्रोल की कीमतें कितनी बढ़ गई हैं और इसका आम जीवन पर क्या असर पड़ रहा है।

लखनऊ में पेट्रोल की स्थिति

राजधानी लखनऊ में आज पेट्रोल की कीमत में हल्की बढ़ोतरी हुई है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ में पेट्रोल की कीमत 96.57 रुपये प्रति लीटर है, जो पिछले सप्ताह की तुलना में लगभग 0.30 रुपये अधिक है। वहीं, डीजल की कीमत 89.76 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर बनी हुई है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि लगातार बढ़ती कीमतों ने उनके मासिक बजट को प्रभावित किया है।

कानपुर और आगरा की स्थिति

कानपुर में पेट्रोल की कीमत 96.40 रुपये प्रति लीटर है, जबकि आगरा में यह 96.63 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई है। दोनों शहरों में डीजल की कीमतें क्रमशः 89.60 रुपये और 89.82 रुपये प्रति लीटर हैं। इन शहरों में परिवहन और छोटे व्यवसायों पर इसका प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ रहा है। टैक्सी चालक रमेश यादव ने कहा, “पेट्रोल के दाम बढ़ने से हमारी आय पर असर पड़ रहा है। किराया बढ़ाने पर ग्राहक नाराज होते हैं, और न बढ़ाने पर हमारी जेब पर बोझ बढ़ता है!”

वाराणसी में भी कीमतें बढ़ी

धार्मिक नगरी वाराणसी में भी पेट्रोल की कीमतों ने लोगों को चिंतित कर रखा है। यहां पेट्रोल 96.45 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है, जबकि डीजल की कीमत 89.65 रुपये प्रति लीटर है। स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि माल ढुलाई की लागत बढ़ने से सामान की कीमतें भी बढ़ रही हैं, जिसका बोझ अंततः आम ग्राहक पर पड़ता है।

कीमतों में वृद्धि के कारण

विशेषज्ञों के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि और डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी इस वृद्धि के प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार के टैक्स और केंद्र सरकार की नीतियां भी कीमतों को प्रभावित कर रही हैं। पेट्रोल पंप संचालकों का कहना है कि रोजाना कीमतों के अपडेट होने से उन्हें भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

आम जनता पर प्रभाव

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में यह वृद्धि आम आदमी के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है। जो लोग बाइक और कार से रोजाना ऑफिस जाते हैं, वे अब सार्वजनिक परिवहन की ओर रुख कर रहे हैं। लेकिन बढ़ती महंगाई के बीच क्या यह एक स्थायी समाधान है? यह सवाल हर किसी के मन में है। सरकार से राहत की उम्मीद तो है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।