उत्तर प्रदेश में जिंदा व्यक्ति की हुई गलत पहचान, शव को किया गया दफन

उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में एक व्यक्ति को मृत समझकर दफनाने का मामला सामने आया है। नूर मोहम्मद नामक युवक, जिसे मानसिक रूप से बीमार समझा गया था, को दफनाने के बाद उसने अपने परिवार से वीडियो कॉल पर बात की और अपनी जीवित होने की जानकारी दी। यह घटना ग्रामीणों और पुलिस के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन गई है। जानें इस अजीबोगरीब घटना के बारे में और कैसे पुलिस अब असली पहचान को लेकर परेशान है।
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चौंकाने वाली घटना

उत्तर प्रदेश में जिंदा व्यक्ति की हुई गलत पहचान, शव को किया गया दफन


उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। पुरवा रहट में एक युवक का शव मिलने के बाद, अयाना थाना क्षेत्र के सेंगनपुर गांव के निवासियों ने उसे नूर मोहम्मद समझकर उसकी पहचान की। शव का पोस्टमार्टम होने के बाद उसे कब्रिस्तान में दफन कर दिया गया। लेकिन अब यह पता चला है कि जिस व्यक्ति को दफनाया गया, वह जीवित है।


गलत पहचान का मामला

मोहर्रम का त्योहार नजदीक आने पर, मृत समझे गए व्यक्ति ने ग्रामीणों से संपर्क कर अपनी जीवित होने की जानकारी दी। अब पुलिस के लिए यह मामला सिरदर्द बन गया है। दरअसल, 27 जून को सदर कोतवाली क्षेत्र के काशी ईंट भट्ठे के पास एक 40 वर्षीय युवक का शव मिला था।


ग्रामीणों ने बताया कि मृतक मानसिक रूप से बीमार था और उसे दो-तीन दिन से गांव में घूमते देखा गया था। पुलिस ने शव की पहचान के लिए उसके फोटो सोशल मीडिया पर साझा किए।


शव की पहचान और दफन

सेंगनपुर के गुलमीर का बेटा समशुल और उनके पड़ोसी युसूफ खान ने पुलिस के साथ मोर्चरी जाकर शव की पहचान की। उन्होंने बताया कि यह शव नूर मोहम्मद का है, जो मुंबई में प्राइवेट नौकरी करता था। इसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सौंप दिया। परिजनों ने शव को घर ले जाकर रात में गांव के कब्रिस्तान में दफन कर दिया।


दफनाने के बाद से नूर मोहम्मद के 40वें की तैयारियों में जुटे थे।


वीडियो कॉल से खुली सच्चाई

मंगलवार को नूर मोहम्मद ने अपने परिवार से वीडियो कॉल पर बात की और मोहर्रम पर घर आने की जानकारी दी। यह सुनकर ग्रामीण और परिजन हैरान रह गए। लेकिन अब मृतक की असली पहचान कराना पुलिस के लिए चुनौती बन गया है। क्षेत्राधिकारी महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि परिजनों के अनुसार, यह गलती हमशक्ल होने के कारण हुई। नूर मोहम्मद के गांव आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।