उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल, महिला के पति को चौकी में पीटा गया

लखनऊ के गोमतीनगर में एक महिला ने हफ्ता देने से मना किया, जिसके बाद पुलिस ने उसके पति को चौकी में बेरहमी से पीटा। इस घटना ने यूपी पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। महिला न्याय की तलाश में भटक रही है, जबकि दारोगा ने उसे और उसके पति को धमकाया। क्या इस मामले में पीड़ित को न्याय मिलेगा? जानें पूरी कहानी।
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उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल, महिला के पति को चौकी में पीटा गया

उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर सवाल

उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर गंभीर प्रश्न उठ खड़े हुए हैं। लखनऊ के गोमतीनगर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने हफ्ता देने से मना किया, जिसके बाद एक दारोगा ने उसके पति को चौकी में ले जाकर बेरहमी से पीटा। इस घटना ने यूपी पुलिस की छवि को धूमिल किया है और अब पीड़ित महिला न्याय की तलाश में भटक रही है।


महिला का ढाबा और उसकी स्थिति

महिला ने बताया कि वह गोमतीनगर रेलवे स्टेशन के पास पिंक टॉयलेट के निकट एक ढाबा चलाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करती है। यह दुकान उसे नगर निगम द्वारा आवंटित की गई थी।


दारोगा की धमकियां और हफ्ता वसूली

महिला का आरोप है कि चौकी इंचार्ज मनीष मिश्रा लगातार उसके ढाबे को हटाने के लिए विभिन्न तरीकों से दबाव बना रहा था। जब उसने विरोध किया, तो दारोगा ने उसे झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी।


हफ्ता न देने पर पति को पीटा गया

महिला ने कहा कि चौकी इंचार्ज मनीष मिश्रा ने उससे हफ्ता मांगते हुए कहा कि यदि वह नहीं देती, तो उसके पति को चौकी में ले जाकर पीटा जाएगा। जब महिला ने मना किया, तो दारोगा ने अपने सिपाहियों की मदद से उसके पति को चौकी में ले जाकर पीटा।


महिला का आरोप है कि चौकी में उसके पति को बुरी तरह से पीटा गया और जब उसने मदद मांगी, तो चौकी इंचार्ज ने रात भर उसे बांधकर पीटा और छोड़ने की धमकी दी।


दारोगा के बेखौफ बयान

महिला ने बताया कि दारोगा उसके पति को पुलिस पर हाथ उठाने के झूठे मामले में फंसाने की धमकी दे रहा था। उसने साफ कहा कि वह न तो मुख्यमंत्री योगी से डरता है और न ही किसी और से।


इस मामले का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें महिला न्याय की गुहार लगाते हुए दिखाई दे रही है। इस गंभीर आरोप ने यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।


आपकी राय क्या है?

इस मामले पर आपकी क्या राय है? क्या पुलिसकर्मियों के इस तरह के व्यवहार पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए?