उज्जैन मंडी में गेहूं की आवक में वृद्धि, किसानों को हो रही परेशानी

उज्जैन जिले की कृषि उपज मंडी में गेहूं की आवक में वृद्धि हो रही है, लेकिन किसानों को अतिक्रमण और भुगतान में देरी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मंडी में गेहूं के भाव में गिरावट की संभावना है, जिससे किसानों की चिंताएँ बढ़ गई हैं। जानें इस स्थिति का किसानों पर क्या प्रभाव पड़ रहा है और मंडी प्रशासन की भूमिका क्या है।
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उज्जैन मंडी में गेहूं की आवक में वृद्धि, किसानों को हो रही परेशानी

मंडी में गेहूं की बढ़ती आवक


मध्य प्रदेश समाचार: उज्जैन जिले की कृषि उपज मंडी में इस सीजन में गेहूं की आवक में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है। मंडी में अब तक 17101 क्विंटल गेहूं किसानों द्वारा लाया गया है। इस बढ़ती आवक का मुख्य कारण स्टॉक सीमा का डर है। वर्तमान में गेहूं के भाव 50 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर हैं, जिससे मंडी में लगभग चार करोड़ रुपए की बिक्री हो चुकी है। इस बार गेहूं की पैदावार में वृद्धि के चलते मंडी में रौनक देखने को मिल रही है।


किसानों को हो रही कठिनाई

हालांकि, मंडी में अतिक्रमण के कारण किसानों को अपनी ट्रॉलियों को निकालने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। मंडी में खाद, पाइप और अन्य सामान की बिक्री के चलते भीड़भाड़ बढ़ गई है। मंडी प्रशासन की लापरवाही के कारण किसान दिनभर परेशान रहे। गेहूं की बिक्री में कमी के कारण भाव में गिरावट आ सकती है, जिससे भाव 100 रुपए तक गिरने की संभावना है।


पंजीकरण की समस्या

किसान कमल पटेल ने बताया कि अधिकांश किसान पंजीकरण नहीं करवा पाए हैं, और जो पंजीकरण करवा चुके हैं, वे बिक्री के लिए नहीं आए। 15 लाख 43 हजार किसानों ने गेहूं बेचने के लिए पंजीकरण कराया था, लेकिन केवल 9 लाख किसानों ने ही गेहूं बेचा।


भुगतान में देरी

आधार लिंक के कारण बैंकों द्वारा कर्ज काटने से भी किसान बिक्री से दूर रहे। सरकार ने 2425 रुपए प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य घोषित किया था, और मध्य प्रदेश सरकार ने 175 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देकर 2600 रुपए की दर से गेहूं खरीदा। किसान पटेल ने बताया कि भुगतान में देरी का एक कारण यह भी है कि सोसायटी बैंक पोस्ट ऑफिस से वेरिफिकेशन के बाद ही भुगतान किसान के खाते में ट्रांसफर किया जाता है।


गेहूं की कीमतों में गिरावट

गेहूं की कीमतें लोकवन में 2400 से 2985 रुपए के बीच बिक रही हैं। ब्रोकरेज संजय खंडेलवाल ने बताया कि सभी प्रकार के गेहूं में 40 से 50 रुपए प्रति क्विंटल की अचानक गिरावट आई है। व्यापारी अपने व्यापार के लिए गेहूं की खरीद कर रहे हैं, लेकिन यदि गेहूं नहीं बिकता है, तो स्टॉक सीमा के डर से खरीदारी रोकनी पड़ सकती है। सरकार को खुले बाजार में गेहूं के लाभकारी भाव देने के लिए अनलिमिटेड स्टॉक की छूट प्रदान करना आवश्यक है।


किसानों पर प्रभाव

यदि यह छूट नहीं दी गई, तो किसानों को कम भाव का सामना करना पड़ सकता है। मंडी में गेहूं लोकवन 2400 से 2985 रुपए के बीच बिक रहा है, जबकि आटा मिल का गेहूं 2400 से 2440 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से बिक रहा है। इस समय आटा मिल की मांग अधिक है। देशभर में गेहूं की भारी पैदावार के कारण प्रदेश में व्यापारियों के पास से गेहूं की मांग कम है।