उच्चतम न्यायालय में वकीलों की तलब पर सुनवाई की तारीख तय

उच्चतम न्यायालय 21 जुलाई को एक महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई करेगा, जिसमें वकीलों को जांच एजेंसियों द्वारा तलब किए जाने का मुद्दा शामिल है। यह मामला ईडी द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ताओं को तलब करने के संदर्भ में है। ईडी ने पहले कहा था कि वह किसी भी वकील को समन जारी नहीं करेगा, जब तक कि एजेंसी के निदेशक की मंजूरी न हो। इस सुनवाई में वकील-मुवक्किल विशेषाधिकार से जुड़े विवाद पर भी चर्चा की जाएगी।
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उच्चतम न्यायालय में वकीलों की तलब पर सुनवाई की तारीख तय

सुनवाई की तारीख और मामला

उच्चतम न्यायालय 21 जुलाई को एक स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई करेगा, जिसमें कानूनी राय देने वाले वकीलों को जांच एजेंसियों द्वारा तलब किए जाने का मुद्दा शामिल है।


यह मामला प्रधान न्यायाधीश बी. आर. गवई, न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन. वी. अंजारिया की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।


यह विवाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार और प्रताप वेणुगोपाल को तलब किए जाने के संदर्भ में उत्पन्न हुआ है।


हालांकि, 20 जून को ईडी ने स्पष्ट किया था कि उसने अपने जांच अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे किसी भी वकील को उसके मुवक्किल के खिलाफ धन शोधन मामले की जांच के लिए समन जारी न करें।


ईडी ने यह भी कहा था कि ऐसा केवल एजेंसी के निदेशक की “मंजूरी” के बाद ही किया जा सकता है। यह बयान वकील-मुवक्किल विशेषाधिकार से जुड़े विवाद के संदर्भ में आया है।


ईडी ने रेलिगेयर एंटरप्राइजेज की पूर्व अध्यक्ष रश्मि सलूजा को कानूनी सलाह देने के लिए दो वकीलों को तलब किया था, जो केयर हेल्थ इंश्योरेंस लिमिटेड के कर्मचारी स्टॉक स्वामित्व योजना से संबंधित था।