उच्चतम न्यायालय ने वक्फ अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिका स्थानांतरित करने से किया इनकार

उच्चतम न्यायालय ने 1995 के वक्फ अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिका को दिल्ली उच्च न्यायालय से स्थानांतरित करने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा कि अदालतों का उपयोग मीडिया की सुर्खियां बटोरने के लिए किया जा रहा है। इस मामले में अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने स्थानांतरण की मांग की थी, लेकिन न्यायालय ने पहले से लंबित मामलों का हवाला देते हुए इसे खारिज कर दिया। जानें इस महत्वपूर्ण कानूनी निर्णय के बारे में अधिक जानकारी।
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उच्चतम न्यायालय ने वक्फ अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिका स्थानांतरित करने से किया इनकार

उच्चतम न्यायालय का निर्णय

उच्चतम न्यायालय ने 1995 के वक्फ अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिका को दिल्ली उच्च न्यायालय से शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने के अनुरोध पर विचार करने से मंगलवार को मना कर दिया।


प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई, न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ ने कहा कि अदालतों का उपयोग वास्तविक कानूनी समाधान के बजाय मीडिया की सुर्खियां बटोरने के लिए किया जा रहा है।


यह टिप्पणी अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर स्थानांतरण अर्जी की सुनवाई के दौरान की गई। इस अर्जी में वक्फ अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका को उच्चतम न्यायालय में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया था।


प्रधान न्यायाधीश ने सवाल किया, 'यह मुद्दा पहले से ही इस अदालत में लंबित है। आप और याचिकाएं क्यों दायर करना चाहते हैं?' पीठ ने यह भी कहा कि पूर्व प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली एक पूर्व पीठ ने ऐसी अर्जियों को स्वीकार करने के लिए पहले ही एक स्पष्ट समय-सीमा निर्धारित की थी।