उच्चतम न्यायालय ने लापता बच्चों के लिए विशेष ऑनलाइन पोर्टल बनाने का निर्देश दिया

उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह लापता बच्चों की पहचान और उनके मामलों की जांच के लिए एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल स्थापित करे। न्यायालय ने पुलिस अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी पर चिंता जताई और प्रत्येक राज्य के लिए एक समर्पित अधिकारी की नियुक्ति का सुझाव दिया। इसके अलावा, गैर सरकारी संगठन ने अपहृत बच्चों के अनसुलझे मामलों को उजागर किया है। जानें इस महत्वपूर्ण निर्णय के पीछे की कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
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उच्चतम न्यायालय ने लापता बच्चों के लिए विशेष ऑनलाइन पोर्टल बनाने का निर्देश दिया

लापता बच्चों की खोज के लिए विशेष पोर्टल की आवश्यकता

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह लापता बच्चों की पहचान और उनके मामलों की जांच के लिए गृह मंत्रालय के अधीन एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल स्थापित करे।


न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने उन पुलिस अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी पर चिंता व्यक्त की, जिन्हें विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लापता बच्चों का पता लगाने का कार्य सौंपा गया है।


अदालत ने सुझाव दिया कि प्रत्येक राज्य के लिए एक समर्पित अधिकारी पोर्टल पर नियुक्त किया जा सकता है, जो न केवल सूचना साझा करेगा बल्कि गुमशुदगी की शिकायतों का भी ध्यान रखेगा।


न्यायालय ने लापता बच्चों की खोज के लिए एक ‘समन्वित प्रयास’ की आवश्यकता पर जोर दिया और इस समस्या के समाधान के लिए एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल बनाने की बात कही। इसके बाद, पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से इस मामले में निर्देश प्राप्त करने को कहा।


इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को याद दिलाया था कि वह विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लापता बच्चों के मामलों के आंकड़े उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित करे। एक गैर सरकारी संगठन ‘गुड़िया स्वयं सेवी संस्थान’ ने शीर्ष अदालत का रुख किया था और भारत सरकार द्वारा संचालित ‘खोया/पाया पोर्टल’ पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर अपहृत या लापता बच्चों के अनसुलझे मामलों को उजागर किया था।


याचिका में पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश में दर्ज पांच मामलों का उल्लेख किया गया, जिनमें नाबालिग लड़कों और लड़कियों का अपहरण कर उन्हें बिचौलियों के माध्यम से झारखंड, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में भेजा गया।