उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश में पत्रकारों पर हमले की याचिका पर मांगा जवाब

उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश में रेत माफिया पर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों की याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। पत्रकारों ने आरोप लगाया है कि उनके साथ थाने में मारपीट की गई। इस मामले में सुरक्षा की मांग भी की गई है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और न्यायालय की सुनवाई के बारे में।
 | 
उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश में पत्रकारों पर हमले की याचिका पर मांगा जवाब

मध्य प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा पर सुनवाई

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को मध्य प्रदेश सरकार से उन दो पत्रकारों की याचिका पर प्रतिक्रिया मांगी है, जिन्होंने आरोप लगाया है कि रेत माफिया पर रिपोर्टिंग के चलते उनके साथ एक थाने में मारपीट की गई।


न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने पत्रकार शशिकांत गोयल और अमरकांत सिंह चौहान द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई और मध्य प्रदेश को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।


याचिकाकर्ताओं के वकील ने पीठ से अनुरोध किया कि उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की जाए। पीठ ने कहा कि पहले दूसरे पक्ष को जवाब देने दिया जाए और राज्य को भी तथ्य प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाए। इसके बाद याचिका पर नोटिस जारी किया गया और इसे नौ जून को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया।


दिल्ली उच्च न्यायालय ने 28 मई को चौहान को सुरक्षा प्रदान की थी, जिन्होंने दावा किया था कि भिंड के पुलिस अधीक्षक से उनकी जान को खतरा है। उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वे मध्य प्रदेश निवासी और 'स्वराज एक्सप्रेस' समाचार चैनल के भिंड ब्यूरो प्रमुख चौहान को दो महीने तक सुरक्षा दें।


पिछले महीने भिंड जिले के तीन पत्रकारों ने आरोप लगाया था कि पुलिस अधीक्षक के कार्यालय के अंदर उनके साथ मारपीट की गई या दुर्व्यवहार किया गया, जबकि पुलिस अधिकारी ने इन आरोपों से इनकार किया था।


यूट्यूब चैनल चलाने वाले प्रीतम सिंह राजावत, समाचार पोर्टल के संचालक गोयल और एक समाचार चैनल के लिए काम करने वाले चौहान ने जिला कलेक्टर को दी गई शिकायत में आरोप लगाया कि एक मई को उनके साथ मारपीट की गई।