उच्चतम न्यायालय ने दीवानी विवाद में अग्रिम जमानत का दिया आदेश

उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में एक दीवानी विवाद से जुड़े मामले में एक दंपति को अग्रिम जमानत दी है। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने इस दौरान इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश की आलोचना की। प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई के हस्तक्षेप के बाद, न्यायमूर्ति पारदीवाला ने अपनी पूर्व टिप्पणियों को वापस लिया। इस मामले में दंपति पर धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के आरोप हैं। अदालत ने कहा कि एक बार बिक्री का लेनदेन हो जाने के बाद आपराधिक विश्वासघात नहीं हो सकता।
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उच्चतम न्यायालय ने दीवानी विवाद में अग्रिम जमानत का दिया आदेश

उच्चतम न्यायालय का महत्वपूर्ण निर्णय

न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अगुवाई में उच्चतम न्यायालय की एक पीठ ने हाल ही में एक दीवानी विवाद से जुड़े आपराधिक मामले में एक दंपति को अग्रिम जमानत प्रदान की। इस निर्णय के दौरान, पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश की आलोचना की थी।


प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई के हस्तक्षेप के बाद, न्यायमूर्ति पारदीवाला ने अपने पूर्व में की गई टिप्पणियों को वापस ले लिया।


राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा एक दीवानी विवाद में दंपति को अग्रिम जमानत देने से इनकार करने के मामले की सुनवाई करते हुए, न्यायमूर्ति पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन ने 13 अगस्त को कहा कि समस्या कानून के अनुपालन में कमी से उत्पन्न हुई है।


न्यायमूर्ति पारदीवाला ने कहा, 'मैं इस बार संयम नहीं खोऊंगा।' इस मामले में, दंपति के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आपराधिक षड्यंत्र के आरोप लगाए गए थे।


शिकायतकर्ता का कहना था कि दंपति को प्लाईवुड की बिक्री के लिए 3,50,000 रुपये का भुगतान करना था, लेकिन उन्होंने 12,59,393 रुपये का भुगतान नहीं किया, जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज की गई। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि एक बार बिक्री का लेनदेन हो जाने के बाद आपराधिक विश्वासघात नहीं हो सकता।