उच्चतम न्यायालय ने इंडिगो की उड़ानों के रद्द होने पर सुनवाई से किया इनकार

उच्चतम न्यायालय ने इंडिगो द्वारा सैकड़ों उड़ानों के रद्द होने के मामले में न्यायिक हस्तक्षेप की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि सरकार ने स्थिति का संज्ञान लिया है और समाधान के लिए कदम उठाए हैं। इस बीच, लाखों यात्रियों को हवाई अड्डों पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इंडिगो ने पायलटों की नई ड्यूटी और नियमों में बदलाव का हवाला देते हुए उड़ानों के रद्द होने की जानकारी दी है।
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उच्चतम न्यायालय ने इंडिगो की उड़ानों के रद्द होने पर सुनवाई से किया इनकार

उच्चतम न्यायालय का निर्णय

उच्चतम न्यायालय ने इंडिगो द्वारा सैकड़ों उड़ानों को रद्द करने के मामले में न्यायिक हस्तक्षेप की मांग वाली याचिका पर सोमवार को तत्काल सुनवाई करने से मना कर दिया। अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस स्थिति का ध्यान रखा है और इसके समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं।


अदालत ने यह भी बताया कि लाखों लोग विभिन्न हवाई अड्डों पर कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा, “यह एक गंभीर स्थिति है। लाखों लोग हवाई अड्डों पर परेशान हैं। हमें पता है कि भारत सरकार ने समय पर कार्रवाई की है और इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है। हम समझते हैं कि लोगों को स्वास्थ्य संबंधी और अन्य महत्वपूर्ण समस्याएं हो सकती हैं।”


एक वकील ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि हाल के दिनों में इंडिगो ने कई उड़ानें रद्द की हैं, जिससे यात्रियों को कठिनाई हो रही है। उन्होंने बताया, “उड़ानों के रद्द होने की सूचना यात्रियों को नहीं दी गई।” इसके अलावा, उन्होंने कहा कि देशभर के 95 हवाई अड्डों पर लगभग 2,500 उड़ानों में देरी के कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।


सूत्रों के अनुसार, इंडिगो की उड़ानों में रुकावट का सिलसिला सातवें दिन भी जारी रहा, और सोमवार को विमानन कंपनी ने दिल्ली और बेंगलुरु हवाई अड्डों से 250 से अधिक उड़ानें रद्द कीं।


दिल्ली हवाई अड्डे से कुल 134 उड़ानें रद्द की गईं, जिनमें 75 रवाना होने वाली और 59 पहुंचने वाली उड़ानें शामिल हैं। वहीं, बेंगलुरु हवाई अड्डे से 127 उड़ानें रद्द की गईं, जिनमें 62 रवाना होने वाली और 65 पहुंचने वाली उड़ानें शामिल हैं।


इंडिगो ने दो दिसंबर से सैकड़ों उड़ानों के रद्द होने के कारण सरकार और यात्रियों दोनों की तीखी आलोचना का सामना किया है। कंपनी ने इसके लिए पायलटों की नई उड़ान ड्यूटी और नियमों में बदलाव का हवाला दिया है, जिसके कारण लाखों यात्री देशभर के हवाई अड्डों पर फंसे हुए हैं।